न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): कर्नाटक (Karnataka) में नवगठित कांग्रेस सरकार के शुरुआती दौर में ही सत्ता का संघर्ष सामने आता दिख रहा है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (Siddaramaiah and DK Shivakumar) के बीच मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के फॉर्मूले पर कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल (MB Patil) के चौंकाने वाले दावे के बाद कई सियासी जानकारों आगामी खींचतान को लेकर भारी संदेह जताया है।
कर्नाटक कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह के कुछ दिनों बाद पाटिल ने ये दावा करके भारी तनाव पैदा कर दिया कि सत्ता साझा करने का कोई फॉर्मूला नहीं है और सीएम सिद्धारमैया 5 साल के पूरे कार्यकाल के लिये सीएम रहेंगे। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार खेमे को ये बयान जरा भी रास नहीं आ रहा है।
सिद्धारमैया के वफादार और कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि, ‘सिद्धारमैया पांच साल के लिये सीएम रहेंगे। सत्ता की साझेदारी का समझौता होता तो वरिष्ठ नेता इसकी जानकारी जरूर देते। ऐसा कोई प्रस्ताव सामने नहीं आया है। अगर ऐसा कोई प्रस्ताव होता तो केसी वेणुगोपाल या एआईसीसी महासचिव हमें लोगों को जरूर बताते।”
पाटिल ने अपना रुख स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए कहा कि, “मैं अपने शब्दों को बार-बार नहीं दोहराऊंगा। कल (22 मई 2023) मीडिया ने पूछा कि क्या सिद्धारमैया को सीएम पद से बदला जायेगा? हमारे नेताओं ने ऐलान किया था कि सिद्धारमैया सीएम हैं और शिवकुमार डिप्टी सीएम हैं। मैंने वही दोहराया है जो कि एआईसीसी सचिव के.सी. वेणुगोपाल (AICC Secretary K.C. Venugopal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था।”
पाटिल ने साफ किया कि उन्होंने सीएम पद के मुद्दे पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है। इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। अभी तक पार्टी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालाँकि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार का खेमा इस बात पर अड़ा हुआ है कि 30:30 सत्ता साझा करने के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी, जहाँ कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख 30 महीने के बाद सिद्धारमैया की जगह मुख्यमंत्री बनेंगे। शिवकुमार ने अभी तक इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की है।
रिपोर्टों ने सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया है कि पाटिल और शिवकुमार साफतौर पर भीतरखाने ज़ुबानी जंग में लगे हुए हैं। कद्दावर लिंगायत समुदाय (Lingayat Community) से ताल्लुक रखने वाले पाटिल कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं। शिवकुमार ने पाटिल से खुले तौर पर रविवार को कहा कि वो परेशान न हों, जब उन्होंने मंत्री को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बात करते हुए देखा।