न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): बीते पन्द्रह दिनों के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आतंकवादियों के सीमा पार करने और कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में बड़ी वारदात को अंज़ाम देने से जुड़े दस सिक्योरिटी अलर्ट जारी किये। 15 अगस्त को अफगानिस्तान में सरकार गिर गयी और तालिबान ने वहां कब्जा कर लिया। खुफ़िया इनपुट्स से पता लगा है कि तालिबान से हमदर्दी रखने वाले आंतकी जो भारत को निशाना बना सकते हैं वो अब सक्रिय हो गये हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उन्हें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) इलाके में सक्रिय आंतकियों की मूवमेंट खब़रें मिली है। आंतकी गुट जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने की योजना बना रहे है। अधिकारी ने कहा कि, “पिछले 15 दिनों से सीमावर्ती इलाकों के पास आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के बारे में लगभग 10 अलर्ट जारी किये गये थे। हमने संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी आंतकी वारदात (Terrorist Act) से बचने के लिये अलर्ट पर रहने को कहा है।”
खुफिया एजेंसियों ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) और अन्य आतंकवादियों की आवाजाही पर खासी निगाहें बना रखी है। सुरक्षा एजेंसियों ने किसी भी संभावित ग्रेनेड हमले (Grenade Attack) हाई वैल्यू टारगेट, सुरक्षा कर्मियों पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले और श्रीनगर में सार्वजनिक स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किये है।
हाल ही में सामने आयी एक खुफिया रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी एक गाइड के साथ पीओके के जंद्रोट पहुंचे है, जो कि जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर (Mendhar Sector of Poonch District) से घुसपैठ कर सकते है। खुफ़ियां अधिकारियों के मुताबिक सोशल मीडिया पर एकाएक हलचल देखी गयी है। घाटी में युवाओं को संबोधित करने वाले कई वीडियो भी सामने आये है, जो जेहाद और कश्मीर के मुद्दे को लेकर भड़काने वाले है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार ऐसे वीडियोज पर नज़रें बनाये हुए है।
घाटी में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने आम लोगों से अपील की है अगर उन्हें किसी भड़काऊ वीडियों के बारे में पता चलता है तो उन्हें तुरन्त जानकारी दी जाये। जिससे कि जम्मू कश्मीर में अमन और चैन की हालात कायम रह सके। अगस्त के तीसरे सप्ताह के दौरान कंधार (Kandahar) में पाकिस्तानी आतंकी गुट संगठन जैश-ए-मोहम्मद और तालिबानी नेताओं के बीच हुई एक बैठक के बारे में पता चलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बैठक में तालिबान नेताओं के एक गुट ने हिस्सा लिया, जहां जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में अपने आंतकी अभियानों (Terrorist Operations) के लिये उनका सहयोग मांगा। सूत्र के मुताबिक इस बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई।