न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को सभी विपक्षी दलों के सदस्यों से राज्यसभा (Rajya Sabha) में तीन विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ मतदान करने की अपील की।
केजरीवाल ने कहा, ‘राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। सभी गैर-बीजेपी दलों के सदस्यों से अपील है कि वे बिलों के खिलाफ हाथ मिलाएं। राष्ट्र के किसान यही चाहते हैं।
रविवार को चर्चा और पारित करने के लिए विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया गया था।
लोकसभा, जहाँ भाजपा और उसके सहयोगियों ने एक बहुमत का फ़ायदा उठाते हुए दो विधेयक गुरुवार को वॉयस वोट के माध्यम से पारित किए – किसानों का व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य स्थिरता के किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते और फार्म सर्विसेज बिल, 2020। इससे पहले आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक भी पारित किया जा चुका है।
AAP, जिसके पास लोकसभा में एक सांसद है, ने तीन बिलों के खिलाफ मतदान किया।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस और छोटे दलों का एक समूह इन बिलों का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की ओर से गुरुवार को विधेयकों का एक प्रमुख विरोध हुआ, जिसके चलते केंद्मंरीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि क्षेत्र को अस्थिर करने के प्रयासों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
देश के मौजूदा कृषि बाज़ार को ऐसे लाइसेंसधारक कारोबारियों की दरकार है जो अधिसूचित से बाहर काम कर सके उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपा देनी चाहिए। प्रस्तावित तीनों बिलों का मकसद इस व्यवस्था पर लगाम कसना है। जिसे कृषि उपज बाजार समितियां (APMC) के नाम से जाना जाता है। बाज़ार सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा। किसानों और दूसरे कृषि व्यवसायियों आने वाले नये कृषि कानून के तहत आत्मविश्वास के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर पायेगें। आलोचकों का तर्क है कि इससे भारतीय कृषि व्यवस्था में मॉडर्न सप्लाई चैन बनाने में खासा मदद मिलेगी।