एजेंसियां/न्यूज डेस्क (आदर्श शुक्ला): ब्रिटेन सरकार लंदन (London) में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) की सुरक्षा को हमेशा गंभीरता से लेगी, विदेश कार्यालय मंत्री तारिक अहमद (Foreign Office Minister Tariq Ahmed) ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले लोगों के गुट की ओर से वहां तिरंगा नीचे उतारने के जाने बाद कहा। विंबलडन के बैरन ने भी कहा कि वो इस घटना से खास हैरान हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि, “ये मिशन और उसके कर्मचारियों की अखंडता के खिलाफ पूरी तरह से अस्वीकार्य कार्रवाई है।”
मिशन के अधिकारियों ने कहा कि खालिस्तानी अलगाववादियों (Khalistani Separatists) के हमले की कोशिशों को नाकाम करते हुए अब तिरंगा भव्य तरीके से वहां फहरा रहा है। इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि वारदात में दो सुरक्षा कर्मचारियों को मामूली चोटें आयी, जिन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं है। मामले को लेकर जांच बैठा दी गयी है।
पुलिस के बयान में कहा गया कि, “भारतीय उच्चायोग भवन की खिड़कियां खालिस्तानियों ने तोड़ दी खब़र मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर मौजूद लोगों में से ज्यादातर पुलिस के आने से पहले तितर-बितर हो गये। मामले को लेकर जांच शुरू की गयी, और हिंसक और अव्यवस्था फैलाने के शक में एक शख्स को थोड़ी देर बाद गिरफ्तार किया गया। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने इस घटना को पूरी तरह से चौंकाने वाला बताया। उन्होनें कहा कि- “असल समस्या उच्चायोग के अंदर नहीं है, बल्कि बाहर के परिसर में है, जिसकी हिफाजत करना ब्रिटिश अधिकारियों की जिम्मेदारी है। अगर ब्रिटिश पुलिस (British Police) अपने कर्तव्य में पूरी तरह से लापरवाह है और वो इस बकवास को होने देती हैं तो ये अपने आप में बड़ा अपमान है जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।”
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि उन्होंने “हिंसक अव्यवस्था और बर्बरता की निंदा की”। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, “इस तरह के व्यवहार के लिये हमारे शहर में कोई जगह नहीं है।”
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस (British High Commissioner Alex Ellis) ने इस घटना को “अपमानजनक” और “पूरी तरह से अस्वीकार्य” बताया। भारत ने रविवार को इस घटना के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया और वरिष्ठतम यूके राजनयिक, उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को मामले में तलब किया।
मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “यूके में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिये यूके सरकार की उदासीनता को भारत अस्वीकार्य मानता है,” आगे कहा गया कि, “ये उम्मीद की जाती है कि यूके सरकार हर एक की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिये तत्काल कदम उठायेगी। जो लोग घटना में शामिल हैं, और ऐसी घटनाओं को दुबारा होने से रोकने के लिये कड़े कदम उठाये जायेगें।”