Kisan Andolan: सुप्रीम कोर्ट की बनायी समिति आज पेश कर सकती है, नये कृषि कानूनों पर रिपोर्ट

न्यूज डेस्क (एकता सहगल): किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को शांत करने की संभावनाओं के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीनों नये केंद्रीय कृषि कानूनों का अध्ययन करने के लिये गठित पैनल आज शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। ट्रैडीं न्यूज के अपने सूत्रों के हवाले से खब़र मिल रही है कि कमेटी ने मसौदा रिपोर्ट (Draft report) छपने के लिए भेज दी है। जिसके जल्द ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पटल पर रखा जायेगा। इस साल जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नये विवादास्पद कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को अस्थायी तौर पर रोककर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध सुलझाने के लिए, पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फरमान जारी किया था। साथ ही अगले आदेशों तक सुप्रीम कोर्ट अगले आदेशों तक कृषि कानूनों को अमलीजामा पहनाने से भी रोक लगायी।

तीन सदस्यीय इस समिति में शुरू में भूपेंद्र सिंह मान, अनिल घणावत, प्रमोद जोशी और अशोक गुलाटी कृषि शामिल थे। कृषि लागत और मूल्य का मुद्दा उठाते हुए भूपेंद्र सिंह मान ने समिति से किनारा कर लिया। बाकी के तीन सदस्य ने अपना काम करना जारी रखा। समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने से पहले कानूनों का अध्ययन करने और सभी हितधारकों से बातचीत करने के लिए दो महीनों का वक़्त दिया गया था। समिति पिछले दो महीनों से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूसा परिसर में रहकर काम कर रही है। इस कमेटी ने 73 किसानों और कई खाद्य प्रसंस्करण संस्थानों से गहन बातचीत की। कोरोना के बढ़ते हालातों के मद्देनज़र न्यायिक सुनवाई ऑनलाइन (Judicial hearing online) की गयी थी। इसमें आम जनता से सुझाव और राय भी मांगी गयी।

26 नंवबर 2020 से दिल्ली की कई सीमाओं पर हजारों प्रदर्शनकारी किसान जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के डेरा डाले बैठे हुए है। आंदोलनकारी किसान तीन कृषि कानूनों कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता अधिनियम 2020 को रद्द करने की मांग के साथ अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी बाध्यता की मांग कर रहे है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More