न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union-BKU) के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने बीते मंगलवार को कहा कि, किसानों को एक बार फिर से दिल्ली जाना पड़ सकता है और फिर से बैरिकेड्स तोड़ने पड़ सकते है। उन्होंने ये ऐलान आगामी 26 मार्च को होने भारत बंद के मद्देनज़र किया। टिकैत ने ये भी कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Movement) करने वाले किसानों किसी भी सूरत में तोड़ा नहीं जा सकता।
टिकैत ने जयपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “उन्होंने (केंद्र) हमें जाति और धर्म के आधार पर तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन वो नाकामयाब रहे। आपको (मौके पर मौजूद किसानों को) दिल्ली जाने की जरूरत होगी और फिर से बैरिकेड तोड़ना होगा।” सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा: “पीएम मोदी ने कहा कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं। हम इसे राज्य विधानसभाओं, कलेक्टरों के कार्यालयों और संसद में बेचकर साबित करेंगे। संसद से बेहतर कोई मंडी नहीं हो सकती।”
इससे पहले रविवार को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध के दौरान, टिकैत ने सुझाव दिया था कि कर्नाटक में किसानों को दिल्ली में हो रहे आंदोलन के तर्ज पर आगे आकर एकजुट हो, बैंगलुरू का चारों तरफ से घेराव करना चाहिए। बीकेयू नेता ने कहा, “ये लड़ाई लंबे समय तक चलेगी। हमें हर शहर में इस तरह के विरोध प्रदर्शन शुरू करने की जरूरत है। जब तक कि इन तीन काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता और एमएसपी पर कानून नहीं लाया जाता। आपको कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन चलाने की जरूरत है।” शिवमोग्गा में किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा।
किसान तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें शामिल है, किसान`व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) मूल्य आश्वासन अधिनियम, 2020, और कृषि सेवा अधिनियम किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020, राकेश टिकैत का मौजूदा ऐलान एक फिर से मोदी सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सब़ब (Cause of great trouble) बन सकता है।