न्यूज डेस्क (गीता यादव): Kisan Andolan: पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनी की वापसी का खुला ऐलान कर दिया है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा कदम पीछे खींचने के लिये तैयार नहीं है। कल (22 नवंबर 2021) भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में लखनऊ में महापंचायत का आवाह्न किया गया है। ऐसे में रामनिवास यादव की अगुवाई में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन (Rashtriya Annadata Union) ने कमर कस ली है। माना जा रहा है कि इस वज़ह से लखनऊ में भारी घमासान और हाई वोल्टेज ड्रामा होने पूरी उम्मीद जतायी जा रही है।
बता दे कि जहां एक और सोमवार (22 नवंबर 2021) को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तीनों कृषि बिलों के विरोध को लेकर इकोगार्डन में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) बुलाई गयी है तो वहीं दूसरे मोर्चे पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन द्वारा किसान हितैषी तीनों कृषि बिल के समर्थन में इसी जगह पर रैली की जायेगी। दोनों ही रैलियों के मुखिया नेता मौके पर अपना पक्ष रखने के लिए एक ही मंच का इस्तेमाल कर सकते है। जिससे इन किसान नेताओं के आपस में टकराव के हालात बन सकते है। इन्हीं समीकरणों को देखते हुए लखनऊ जिला प्रशासन (Lucknow District Administration) और डीजीपी के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई। जिसमें संभावित हालातों के लेकर चर्चा की गयी।
इसी के मद्देनज़र इकोगार्डन (पुरानी जेल) बंगला बाजार के आसपास वाले इलाकों में लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (Local Intelligence Unit) और सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गयी है। सूत्रों के हवाले से सामने आ रहा है कि राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन अध्यक्ष रामनिवास यादव अपने करीब 5000 समर्थक किसानों के साथ किसान हितैषी कृषि बिल के समर्थन में अपना पक्ष रखने का ऐलान कर चुके है। जिसके बाद प्रशासन के लिये कानून व्यवस्था संभालना टेढ़ी खीर साबित होता दिख रहा है।
रामनिवास यादव ने कहा कि- तीनों कृषि बिल किसान हितैषी हैं, प्रधानमंत्री जी ने मजबूरी में इन बिलों को वापस लेने का ऐलान किया है। इन बिलों को वापस लेना उचित नहीं हैं। खुद प्रधानमंत्री न कहा है कि इन कानूनों को किसानों के हित में तैयार किया गया था, लेकिन हम उन्हें इस बारे में ढंग से समझा नहीं सके, ऐसे में देशहित में इन कानूनों को वापिस लिया जा रहा है। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन इन कानूनों के समर्थन में हमेशा खड़ी रहेगी, साथ ही कथित किसान आंदोलन की आड़ में हुई देशद्रोही और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का हम पर्दाफाश करने की मांग करते है। आंदोलन की फड़िंग की जांच होनी चाहिये। इस आंदोलन के ग्रेटाथनबर्ग कनेक्शन, रेहाना कनेक्शन, कनाडा कनेक्शन, वामपंथी कनेक्शन, आईएसआई कनेक्शन, नक्सली कनेक्शन और टूलकिट के बारे में जांच होनी चाहिये। किसान आंदोलन की असलियत देश के सामने आनी चाहिये। इसी मांग को लेकर हम सड़क से लेकर अलग अलग मंचों पर उतरेगें।
खब़र लिखे जाने तक विजयन्तखंड गोमती नगर (Vijayantkhand Gomti Nagar) से इकोगार्डन (पुरानी जेल) बंगला बाजार तक यूपी पुलिस ने सुरक्षा के चाकचौबंद इंतज़ाम कर दिये है। सामने ये भी आ रहा है कि रामनिवास यादव ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को आश्वासन दिया है कि उनकी ओर से किसी तरह के उकसावे की कार्रवाई की नहीं की जायेगी। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन की सभी कवायदें कानून के दायरे में होगी। साथ ही उन्होनें दावा किया कि उनके समर्थक सभी किसान पूरी तरह अनुशासित है। ऐसे में पुलिस को पूरा सहयोग दिया जायेगा ताकि हालात काबू से बाहर ना हो।