न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा, किसान आंदोलन (Kisan Andolan) आज 70 वें दिन में प्रवेश कर गया। इस आंदोलन को अब अंतरराष्ट्रीय समर्थन (International support) मिलता दिख रहा है। कनाडा, डेनमार्क, ब्रिटेन, अमेरिका और स्वीडन समेत कई देशों में इसके समर्थन में आवाज़े बुलन्द होती दिख रही है।
ग्रेटाथेन बर्ग, ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह धेसी और गायिका रिहाना ने इस मुद्दे पर काफी बेबाकी से ट्विटर पर लिखा। आंदोलन को मिल रहा चौतरफा सहयोग कहीं ना कहीं मोदी सरकार के लिए परेशानी का सब़ब बनता दिख रहा है। आने वाले दिनों में इस कानून की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी आलोचनाएं हो सकती है।
इसी क्रम में आज राज्यसभा की संसदीय कार्रवाई के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने काफी जोर-शोर से किसान आंदोलन और किसान कानूनों को सदन में उठाने की कोशिश की। जिसके चलते उन्हें और उनके दोनों साथी सांसदों को 1 दिन के लिए राज्यसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया गया।
राज्यसभा में अध्यक्ष पीठ को संबोधित करते हुए, सांसद संजय सिंह ने कहा कि किसान देश के दुश्मन नहीं है बल्कि आम नागरिक है। इसीलिए पहले उनके मुद्दों पर खुले मन से सदन में चर्चा होनी चाहिए। उनकी बात का समर्थन कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने भी किया। जिसके बाद केंद्र सरकार अब विपक्ष के साथ किसानों के मुद्दे पर करीब 15 घंटे तक चर्चा करने के लिए तैयार हो चुकी है।
आंदोलन के तेजी से बदलते हालातों को देखते हुए। दिल्ली पुलिस और सुरक्षाबलों को खासा मशक्कत करनी पड़ रही है। आज होने वाले सिटीजन मार्च (Citizen march) को देखते हुए, दिल्ली के मंडी हाउस और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। हालातों का जायजा लेने के लिए एडिशनल डीसीपी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इलाके में मुआयना करते दिखे।
ये नागरिक मार्च कृषि कानूनों और स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी के खिलाफ निकाला जा रहा है। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गयी है। कई जगहों पर सुरक्षा बल फ्लैग मार्च करते भी नज़र आये। पहले के हालातों से सब़क लेते हुए दिल्ली पुलिस अब किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है।