नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): मौजूदा कृषि कानूनों को लेकर गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में एक अलग ही ज़ोश देखा जा रहा है। अब तक राकेश टिकैत को शिवसेना, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल का खुला समर्थन मिला। आज राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए आंदोलन लंबा चलने का इशारा कर दिया। उन्होनें कहा कि- हम अपनी मांगों पर कायम है। तीनों कानूनों की वापसी के बाद ही आंदोलनकारी किसानों की घर वापसी होगी।
बकौल टिकैत किसान आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा। हालातों की समीक्षा करते हुए अक्टूबर के बाद नयी तारीखों का भी ऐलान किया जा सकता है। इस बीच सरकार के वार्ता का दौर भी जारी रखा जायेगा। कुछ असामाजिक तत्वों ने आंदोलन में घुसपैठ कर नौज़वानों को बहाकर ट्रैक्टर मार्च को लालकिले तक ले गये। समुदाय विशेष और किसानों को बदनाम करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। सरकार पर आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार ये कानून अपने चंद पूंजीपतियों दोस्तों को फायदों पहुँचाने के लिए लाना चाहती है।
आज गाज़ीपुर में करीब एक बजे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत पहुँचे। इस दौरान उन्होनें आंदोलनकारी किसानों से मिलकर उनका हालचाल जाना और आंदोलन को शिवसेना का समर्थन देने की बात कही। साथ ही उन्होनें दावा किया कि उद्धव ठाकरे और पूरा महाराष्ट्र किसान आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ा है। आज मंच से एक बार फिर राकेश टिकैत ने घोषणा कर कहा कि, किसान आंदोलन पूरी तरह सियासत से अछूता है। दूसरी ओर गृहमंत्रालय के फरमान पर आज रात 11 बजे तक कई धरना-प्रदर्शनस्थलों पर इंटरनेट सेवा को बाधित (Internet service interrupted) किया गया है।
एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने कई प्रदर्शन स्थलों पर आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए कड़ी घेरेबंदी कर दी है। लोहे के बैरिकेड, नुकीली तारों से बाड़बंदी और सड़कों पर सीमेंट में कीले गाड़ दी गयी है। जिससे कि कोई प्रदर्शनकारी या उनका हुजूम दिल्ली की ओर रूख़ कर तो उन्हें रोका जा सके। साथ ही सुरक्षा घेरे को भी पहले के मुकाबले मजबूत कर दिया गया है। रोड डायवर्जन और ब्लॉक (Road diversions and blockages) लगाकर ट्रैफिक व्यवस्था को लगातार संभालने की कोशिश की जा रही है। कई सीनियर अधिकारी हालातों पर करीब से नज़रे बनाये हुए है।