न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): Kisan Andolan: हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने दिल्ली के तर्ज पर लखनऊ घेराव करने की बात कही, टिकैत के इस बयान चौतरफा विरोध हो रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के अध्यक्ष राम निवास यादव ने कृषि बिल का विरोध कर रहे किसान नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि, आज पूरे देश का किसान नये कृषि बिलों का स्वागत करते हुए बिल के साथ है तो वहीं कुछ तथाकथित किसान नेता कुछ राजनैतिक दलों से साँठ-गाँठ कर इन बिलों का विरोध कर रहे है जबकि इनका उद्देश्य किसान हित न होकर अपनी-अपनी राजनैतिक जमीन बनाना है।
राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन अध्यक्ष ने आगे कहा कि- कथित आंदोलनकारी किसानों की असलियत को पूरे देश का किसान समझ गया है यही कारण है कि देश का असली किसान इन कथित किसान नेताओं का साथ नही दे रहा है। जिससे ये बौखलाकर बिचौलियों के साथ साँठ-गाँठ करके आन्दोलन कर रहे है जबकि हम सब के नेता स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत ने सबसे पहले इन्ही मांगों को लेकर आन्दोलन किया था कि किसानों को बिचौलियों से मुक्त किया जाये तथा देश के किसानों को अपनी फसल अपने दामों में कही भी बेचने की अनुमति दी जाये। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर चला रहा किसान आंदोलन सियासी स्टंट से ज़्यादा कुछ नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों के बारे में उन्होनें कहा कि, मोदी सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुये नये कृषि बिल लागू किये है तो कुछ कथित किसान नेता इन बिलों का विरोध करने लगे है तथा बिचौलियों के समर्थन के कारण इनका हौसला इतना बढ़ गया है कि बात-बात पर उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों का बक्कल (बिल्ला) नोंचने की बात करते है जिसका राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन कड़ा विरोध करती ऐसे बयानों से पुलिस बल का भी मनोबल गिरता है।
भाकियू ने हाल ही में लखनऊ में प्रेस-कांफ्रेस करके उत्तर प्रदेश में व्यापक धरना-प्रदर्शन करने की बात कही। इसक मुद्दे पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने साफ किया कि किसी भी तरह के हिंसक और अराजक आन्दोलन को लखनऊ में किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जायेगा। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन राजधानी लखनऊ की सड़कों का बंधक नहीं बनने देगी। हर तरह के गैरकानूनी प्रदर्शन का पुरजोर विरोध किया जायेगा, जिसके लिये यूनियन के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी लगातार सक्रिय रहेगें।