नई दिल्ली (शौर्य यादव): भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में आज किसान आंदोलन (Kisan Andolan) अपने अगले पड़ाव रेल रोको अभियान की ओर बढ़ेगा। जिसके तहत आज दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक देशभर में किसान रेलों की आवाजाही रोक कर अपना विरोध जाहिर करेंगे। हालांकि विरोध प्रदर्शन कर रहे कई किसान संगठन इस मुहिम को लेकर पशोपेश में है। कुछेक के बीच इसे लेकर मतभेद भी सामने आ चुके हैं।
गाजीपुर धरने पर आंदोलन की कमान थामे राकेश टिकैत के मुताबिक रेलों को लोकल लेवल पर रोका जाएगा यानि कि धरना स्थल से कोई भी किसान रेल रोकने के लिए नहीं जाएगा। इस दौरान कई पंजाब से चलने वाली पश्चिमी रेलवे की कई ट्रेने प्रभावित होगी। जिसके लिए पश्चिमी रेलवे ने खास जानकारी जारी की।
दूसरी ओर किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम पुन्नू ने कहा कि पंजाब में रेल रोकने के लिए किसानों की 32 टीमें बनाई गई है। जो 32 जगहों पर रेल रोक कर इस मुहिम को सफल बनायेगी। इस कवायद को लेकर किसान संगठन और केंद्र सरकार दोनों ने कमर कस ली है। रेल रोकने के कारण होने वाली असुविधा से यात्रियों को बचाने के लिए आंदोलनकारी किसान नाश्ता-पानी उपलब्ध करवाएंगे। साथ ही वो इस दौरान रेलयात्रियों को अपनी समस्यायों से अवगत करवायेगें ताकि किसान आंदोलन के पक्ष में देशव्यापी जनसमर्थन (Nationwide public support) हासिल किया जा सके।
एहतियात के चलते रेलवे मंत्रालय और रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स (Railway Protection Special Force) ने खास तैयारियां की है। रेल मंत्रालय के विशेष निर्देश पर कई आला अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी है। माना जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसान पटरियों पर बैठकर हिंसक माहौल बना सकते हैं। जिससे बचने के लिए जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की विशेष तैनाती की गई है। इसके साथ ही रेलवे प्रोटक्शन फोर्स ने 20 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती संवेदनशील इलाकों में की। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बंगाल में रेल रोको अभियान का व्यापक असर पड़ सकता है।