नई दिल्ली (शौर्य यादव): किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को लेकर आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने अपना मत रखा। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन के समक्ष सरकार की ओर से हरीश साल्वे कोर्ट के सामने पक्ष रख रहे थे, किसानों की पैरोकारी एमएल शर्मा ने की। इस दौरान किसान प्रदर्शन के मसले पर न्यायालय ने कई ठोस और अहम बातें कहीं। इस दौरान कहा कि, देशभर में कुल 400 किसान संगठन है, क्या आप (किसान पक्ष के वकील एमएल शर्मा) सभी की रहनुमाई करते है। इस मुद्दे पर न्यायिक खंडपीठ (Judicial bench) एक समिति का गठन करना चाहती है। जो कि हमें ज़मीनी हालातों से रूबरू करवाये। हम इस मामले पर स्थायी हल चाहते है। कोई भी हमें कमेटी बनाने से रोक नहीं सकता।
आगे न्यायिक खंडपीठ ने कहा कि, हम इन कानून को स्थगित कर सकते है, लेकिन अनिश्चितकाल (Indefinitely) के लिए नहीं। जिसे समिति का गठन किया जायेगा। वो हमें सीधे रिपोर्ट देगी। अगर समस्या का स्थायी हल निकालना है तो समिति के सामने पेश होना होगा। कमेटी के सामने सभी चीज़ें और मुद्दे साफ हो जायेगें। इस मामले में पीएम को क्या करना चाहिए, ये अदालत नहीं तय कर सकती है। कमेटी का गठन और दोनों पक्षों को पेश होना होगा। ये कमेटी दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता नहीं बल्कि मुद्दों के समाधान के साथ आपसी रास्ता निकलेगी। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने किसान पक्ष के वकील को आश्वासन देते हुए कहा कि, वो ऐसा फैसला दे सकते है कि, जिससे किसानों के ज़मीन कोई ना ले सके। कानून को स्थगित किया जा सकता है, लेकिन बिना किसी लक्ष्य और अनिश्चितकाल के लिए नहीं।
सुनवाई के आखिर में सर्वोच्च न्यायालय ने तीनों केन्द्रीय कृषि कानून लागू होने पर स्टे लगा दिया ह। अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी। मामलों के सुलझाने और ज़मीनी हालातों को जानने के लिए चार लोगों की समिति का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में अनिल शेतकारी, भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) के जितेंद्र सिंह मान, अशोक गुलाटी (कृषि मामलों के जानकार) और डॉ. प्रमोद कुमार जोशी शामिल होगें। समिति गठन को लेकर भारतीय किसान संघ ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रया दर्ज करवायी है। एटॉर्नी जनरल (Attorney General) ने भी इस फैसले को खुले दिल स्वागत किया। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मौके पर कहा कि सुप्रीम को ऑर्डर पर संगठन गहन चर्चा करेगा। फिलहाल के लिए 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने के कार्यक्रम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।