नई दिल्ली (शौर्य यादव): तीन नए केन्द्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए छिड़ा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए लगातार तब्दीलियां लाई जा रही है। जिसके तहत क्रमिक भूख हड़ताल (Relay hunger strike) कर दी गयी है। कल से हरियाणा की सीमा पर बने टोल टैक्स प्लाज़ा को किसानों द्वारा बंद करवा दिया जायेगा। इसके साथ ही सिंघू बार्डर पर किसानों के आने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में कपूरथला से एक और किसानों का दस्ता आंदोलन में आ जुड़ा है। किसान प्रतिनिधियों ने आंदोलन में बिहार के किसानों से जुड़ने का आग्रह किया है।
इसी क्रम में आज सभी किसान यूनियनों संयुक्त बैठक (Joint Meeting) कर केन्द्र सरकार से आगे की बातचीत करने को लेकर रणनीति तैयार करेगी। किसानों के मुताबिक सरकार ने उनसे वार्ता के अगले चरण के लिए तारीख बताने की बात कही है। नौ दिसंबर को दोनों पक्षों के बीच वार्ता स्थगित हो गयी थी। जब कानूनों में संशोधन और एमएसपी का लिखित आश्वासन देने से सरकार ने इंकार कर दिया था। किसान अभी तक अपनी मांगों पर पूरी तरह अड़े हुए है। बीच के रास्ता को लेकर विकल्पों को दरकिनार करते हुए तीनों केन्द्रीय कृषि कानूनों का स्थगन ही अब उनकी मूल मांग बना चुका है।
गौरतलब है कि कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल (Vivek Agrawal, Joint Secretary, Ministry of Agriculture) ने करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को बीते रविवार खत लिख वार्ता कर गतिरोध खत्म करने की अपील की थी। फिलहाल किसान यूनियन ये तय कर रही है कि खत का क्या ज़वाब देना चाहिए, अगर वार्ता के लिए आगे बढ़ा जाये तो उसके बिन्दु क्या होगें साथ ही बैठक के लिए कौन सी तारीख मुकर्रर की जाये। मौजूदा हालातों को देखते हुए विपक्ष भी सरकार पर दबाव बना रहा है। शिरोमणि अकाली दल ने कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के विशेष सत्र के आवाह्न की मांग की है। केरल में इन कानूनों के खिलाफ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने बुधवार को विधानसभा विशेष सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है।
प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार के लिए परेशानी का सब़ब बनती जा रही है। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) और भाकियू (भानु) की अगुवाई में दिल्ली-नोएडा सीमा पर यातायात बाधित होता दिख रहा हौ। कई जगह किसानों ने शामियाने गाड़कर जगह कवर कर ली है। पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले किसानों का जमावड़ा लगातार यहां बढ़ता जा रहा है। भाकियू ने राकेश टिकैत की अगुवाई में गांधीवादी तरीकों (Gandhian methods) का इस्तेमाल करते हुए रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों ने रक्तदान किया।