नई दिल्ली (शौर्य यादव): करीब 2 महीने से चल रहे हैं किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की अगुवाई में हुई ट्रैक्टर परेड की भयानक तस्वीरें ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस दौरान कई पुलिस कर्मी बुरी तरह जख्मी हुए साथ ही कई आंदोलनकारी भी घायल हुए। तयशुदा रास्ते को छोड़कर किसान लाल किले पहुंच गए और वहां पर झंडा लहरा दिया।
इस घटना की धमक देश सहित विदेशों में भी देखी गई। जमकर तोड़फोड़ और नारेबाजी की तस्वीरों ने पूरे देश का दिल दहला दिया। फिलहाल इस मामले पर दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज कर ली है।
अब गृह मंत्रालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस आंदोलनकारियों और उनके प्रमुख नेताओं पर कार्रवाई करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जिसके तहत अब कई बड़े किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। सीसीटीवी फुटेज और फेस रिकॉग्निशन कैमरों (Face recognition cameras) की मदद से प्रदर्शनकारी किसानों की निशानदेही की जा रही है। अर्धसैनिकों बलों की 15 कंपनियों की तैनाती के साथ ही ड्रोन कैमरों की मदद से संवेनशील इलाकों की निगरानी बढ़ दी गयी।
दिल्ली पुलिस की इंटेलीजेंस यूनिट ने सिख बहुल इलाकों से इनपुट्स देने शुरू कर दिये है। इन सबके बीच भड़काऊ ट्विटर अकाउंट को भी संस्पेड़ किया जा रहा है। एनआईए राजधानी दिल्ली में खालिस्तान आंदोलन से जुड़े स्लीपर सेल्स की छानबीन कर रही है साथ ही फॉरेन फाडिंग की जांच के लिए मनी ट्रेल (Money trail) को भी खंगाला जा रहा है।
आज तड़के सुबह दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाल किले में हाई लेवल मीटिंग कर आगे की रणनीति तय की। मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है। संभावित खतरे को भांपते हुए प्रदर्शन स्थल और संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट की सुविधा को रोक दिया गया। कानूनी कार्रवाई के डर से कई बड़े किसान नेता भूमिगत हो गए हैं। तकरीबन सभी का मोबाइल नंबर बंद आ रहा है।
सुरक्षा के मद्देनजर कई प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी द्वारों को भी बंद कर दिया गया है। साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई रूट्स पर ट्रैफिक डायवर्जन लगा रखा है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह, स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेन्द्र यादव ने इस प्रकरण के पीछे दीप सिद्धू का हाथ बताया।
दावा किया कि दीप सिद्धू ने भाजपा के इशारे पर ये सब किया। भाजपा सांसद सन्नी देओल और पीएम मोदी के साथ उनकी तस्वीर इस बात की तस्दीक करती है। दीप सिद्धू के इशारे पर ही ट्रैक्टर सवार किसान आंदोलनकारी तयशुदा रास्ते से अलग होकर लाल किले पहुँचे। जहां उन्होनें अपना झंडा फहराया।