नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के तहत 6 जनवरी को देशव्यापी चक्का जाम का आवाह्न किया गया था। जिसे लेकर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने ऐलान करते हुए कहा कि, इस कवायद को दिल्ली में अंजाम नहीं दिया जायेगा। साथ ही उन्होनें प्रदर्शनस्थल पर जुटे आंदोलनकारियों से कहा कि वो अपने उन साथियों से शांतिपूर्ण चक्का जाम की अपील करें, जो कि गाज़ीपुर नहीं पहुँच पाये है। संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी चक्का का आवाह्न किया। जो कि 6 जनवरी को दिन में 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा।
आंदोलनकारी किसानों के मुताबिक बजट 2021-22 में किसानों और उनकी जरूरतों को जानबूझकर दरकिनार किया गया है। इसके साथ ही किसान सड़कों पर कील लगाने और आंदोलनस्थल पर इंटरनेट बंद करने से खासा नाराज़ है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने लाल किला प्रकरण पर जांच तेज कर दी है। सीसीटीवी फुटेज (Cctv footage) के आधार पर कई लोगों की धरपकड़ की गयी है। साथ ही कई संदिग्धों पर दिल्ली पुलिस ने इनाम भी घोषित कर दिया है। केन्द्र सरकार की मुश्किलें उस वक़्त बढ़ गयी, जब किसान आंदोलन को दुबारा भारी जनसमर्थन मिला।
राकेश टिकैत से माफी मांगते लोग
किसान आंदोलन को दुबारा नयी धार मिलने पर लोगों का हुजूम एक बार फिर गाज़ीपुर पहुँचने लगा। जातीय अस्मिता और आंदोलन के कारण राकेश टिकैत के पीछे बड़ा जनसमर्थन हासिल हुआ। जिसके किसान आंदोलन की दिशा बदलती दिख रही है।
सिख, जाट और बालियान पंचायत के लोग इसमें खासतौर से शामिल है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक माफ़ीनामा (Apology Letter) वायरल होता दिखा। जिसमें कुछ लोगों ने राकेश टिकैत का पुतला फूंका था। जिसका उन्हें अब भारी पछतावा हो रहा है। लोगों के मुताबिक उन्होनें आवेश में आकर ये कदम उठाया।