न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): भारी उपद्रव और शक्ति प्रदर्शन के बाद किसान आंदोलन (Kisan Protest) से जुड़े प्रमुख नेता एक बार फिर से केंद्र सरकार से वार्ता करने जा रही हैं। दोनों पक्षों के बीच वार्ता का अगला दौर 2 फरवरी को निर्धारित किया गया है। कयास लगाये जा रहे है कि इस बार दोनों पक्षों के बीच न्यूनतम बिंदुओं पर सहमति का रास्ता निकलेगा। जिसके लिए किसान संगठन आपस में बातचीत कर आगे की रणनीति तय करेंगे। मौजूदा हालातों में किसान अपनी पुरानी मांगों पर ही डटे हुए हैं।
बीते शनिवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने एक बार फिर साफ किया कि किसान और सरकार के बीच अभी भी वार्ता का मार्ग खुला हुआ है। साथ ही केंद्र सरकार अपने खुले मन से किसानों को अभी भी अपने पिछले प्रस्तावों की पेशकश करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि वो किसानों से मात्र एक फोन कॉल की दूरी पर है।इस मसले को लेकर किसान बैठक करने के लिए तैयार हो चुके है, लेकिन फिलहाल आंदोलनकारियों की ओर से उनकी अगली बैठक के ऐजेंड के बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
उम्मीद लगाई जा रही है कि, आगामी 2 फरवरी को होने वाली बैठक के बिंदुओं के बारे में वो जल्द ही मीडिया के सामने खुलासा करेंगे। दूसरी किसान आंदोलन को नई धार मिलने के बाद अब दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां (Security agencies) किसी भी तरह की कोताही बरतने के मूड में नजर नहीं आ रही। जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था को पहले से काफी ज्यादा चाक-चौबंद कर दिया गया। फिर से धरना स्थल पर किसानों की भीड़ जुटने लगी है, जिसके चलते प्रशासन ने आज रात 11:00 बजे तक इंटरनेट को बंद रखने और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 को अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला लिया है।