Pegasus Spyware: जानिये पेगासस स्पाईवेयर के बारे में, जिसे लेकर संसद में मचा है घमासान

Pegasus Spyware: वर्तमान विश्व मे हम सब एक दूसरे से डिजिटल रूप से जुड़े हुए है। रोजमर्रा के हर काम के लिए हम कम्प्यूटिंग उपकरणों पर निर्भर है। ये उपकरण लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन के अतिरिक्त इंटरनेट से जुड़े उपकरण जैसे स्मार्ट बल्ब, स्मार्ट रेफ्रीजरेटर , स्मार्ट टीवी भी हो सकते है। वर्तमान मे जब आप फोन कर रहे होते है और आपका फोन 2 G या उससे उन्नत प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर रहा है तब आप कम्प्यूटिंग तकनीक के द्वारा ही डिजिटल काल कर रहे होते है।

इन सब कंप्यूटिंग उपकरणों का मस्तिष्क होता है, इन्हे संचालित करने वाला सॉफ्टवेयर। ये सॉफ्टवेयर कई तरह के हो सकते है, जैसे उपकरणों को संचालित करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम। इसके उदाहरण मे माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, एप्पल मैक, यूनिक्स, लिनक्स है। मोबाइल उपकरणों के लिए  ऑपरेटिंग सिस्टम अलग होते है, जैसे एप्पल का iOS, गूगल का एंड्रॉइड। सॉफ्टवेयर एक दूसरा प्रकार होता है जो किसी विशेष कार्य के लिए बनाया जाता है, जैसे दस्तावेज (डाक्यूमेंटेशन) बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एप्पल पेज, सारणी (टेबुलर) गणना के लिये माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, एप्पल नंबर्स। वेबसाईट जाने के लिए ब्राउजर जैसे माइक्रोसॉफ्ट एज, एप्पल सफारी, गूगल क्रोम, मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स। इन सब सॉफ्टवेयर के अपने उपयोग है, अपने कार्य है जो वे करते है।

कुछ अवांछित सॉफ्टवेयर भी होते है, जो आपके कम्प्यूटिंग उपकरणों को या उनपर मौजूद आपके डाटा को नुकसान पहुंचाते है इन्हें वायरस कहते है। इनके एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में जाने के आधार पर इन्हें वायरस या वर्म कहा जाता है। इन्हे पहचानने और इनसे बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर आते है जैसे मैकएफी, नोर्टन और कैस्परसक्री इत्यादि।

अवांछित सॉफ्टवेयर एक विशिष्ट वर्ग है जिन्हे मेलवेयर कहा जाता है। इन्हे आपके कम्यूटर मे इंस्टाल करने का प्राथमिक उद्देश्य दुर्भावना ही होता है। ये अंग्रेज़ी नाम मैलेशियस सॉफ्टवेयर (Malicious Software) का संक्षिप्त रूप है। इनका प्रयोग कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिये किया जाता है। कई मालवेयर अवांछनीय ईमेल भेजने और कंप्यूटर पर गोपनीय और अश्लील संदेश भेजने और प्राप्त करने का काम करते हैं। इसमें विशेष बात ये है कि इसका प्रयोग कई हैकिंग करने वाले (हैकर) अपने हित में करते हैं और उपभोक्ताओं को इसका भान भी नहीं होता कि इसके मेल से कौन सी संदेश सामग्री भेजी गई है। इसमें स्पाई वेयर और एडवेयर प्रोग्राम जैसे ट्रैकिंग कुकीज भी शामिल होते हैं। ये प्रोग्राम आपकी नेट सर्फिग की जानकारी जानने के लिए इस्तेमाल में लाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें की लॉगर्स (की  बोर्ड की हर गतिविधि को रिकार्ड करने वाले),  ट्रोजन हॉर्स (दिखते कुछ और करते कुछ), वर्म्स और वायरस जैसे डरावने प्रोग्राम भी होते हैं।

ध्यान दीजिये कि एडवेयर में अपनी सुविधाओ के प्रयोग के लिये आपकी अनुमति से विज्ञापन दिखाये जा सकते है, ये सॉफ्टवेयर वैधानिक हो सकते है। आपके एम्पॉलर्यस भी आपको दिये गये कम्प्यूटिंग उपकरणो में की लॉगर्स (की बोर्ड की हर गतिविधि को रिकार्ड करने वाले) डाल सकते है।

क्या है Spyware?

स्पाइवेयर मालवेयर का एक प्रकार है जो कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया जाता है और उपयोगकर्ताओं की गैर-जानकारी में उनके बारे में सूचनायें इकट्ठा किया करता है। स्पाइवेयर की मौजूदगी आमतौर पर उपयोगकर्ताओं से छिपी होती है। खासतौर से स्पाइवेयर चुपके से उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया जाता है। हालांकि कभी कभी कीलॉगर्स (keyloggers) जैसे स्पाइवेयर साझा, कॉर्पोरेट या सार्वजनिक कंप्यूटर के मालिक द्वारा भी इंस्टॉल किये जाते हैं ताकि गुप्त रूप से दूसरे यूजर्स की निगरानी की जा सके।

स्पाइवेयर शब्द से पता चलता है कि ये एक सॉफ्टवेयर है, जो उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर गुप्त रूप से निगरानी रखता है, जबकि स्पाइवेयर का काम महज निगरानी से भी कहीं ज्यादा है। स्पाइवेयर विभिन्न प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करता है, जैसे कि इंटरनेट सर्फिंग की आदतें और जिन साइटों पर जाया जाता है वहां की जानकारी। मगर स्पाइवेयर अतिरिक्त सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करके और वेब ब्राउज़र को पुनःनिर्देशित करने जैसे अन्य तरीकों से यूजर्स के कंप्यूटर के नियंत्रण में भी हस्तक्षेप कर सकता है। कुछ स्पाइवेयर को कंप्यूटर सेटिंग्स को बदलने के लिये जाने जाते है, जिससे कनेक्शन की गति, अलग-अलग होमपेज की गति और/या इंटरनेट और/या अन्य प्रोग्रामों की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है।

जिस तरह से वायरस से बचाव के लिए एंटीवायरस आये है, उसी तरह स्पाइवेयर के आविर्भाव के प्रतिक्रियास्वरूप, एंटी-स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर बनाने का एक कारोबार शुरू हो गया है। यूजर्स के कंप्यूटर पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए गुप्त रूप से सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने को रोकने के लिए एंटी-स्पाइवेयर संबधित अनेक कानून भी बनाये गये है। स्पाइवेयर संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग ने इंटरनेट पर उपभोक्ताओं के लिये एक सुझाव पृष्ठ रखा है, जिसमें "क्या करना है" और "क्या नहीं करना है" की सूची भी है।

साभार – विज्ञान विश्व

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