जानिये कोरोना के Lambda वेरियंट और इसके लक्षणों के बारे में

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक नये कोविड-19 संस्करण ‘लैम्ब्डा’ (Lambda) के वजूद का ऐलान किया है। ये वेरियंट पहली बार दक्षिण अमेरिका में पाया गया था और इसे WHO ने चिंता का सब़ब माना है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय (Global Health Body) ने इशारा किया है कि ये वेरियंट संक्रमण की चिंता बढ़ा सकता है। चिंताजनक कैटीगिरी में जोड़े जाने की वज़ह से विशेषज्ञ लगातार इसकी संक्रामक ताकत की निगरानी कर रहे है। जिसमें B.1.1.7 (अल्फा), B.1.351 (बीटा), P.1 (गामा), B.1.427 (एप्सिलॉन) और B.1.429 (एप्सिलॉन) शामिल हैं।

Lambda वेरियंट

लैम्ब्डा को शुरुआत में अगस्त 2020 के दौरान पहली बार पेरू में ट्रैक किया गया और तब से दुनिया भर के 29 देशों में इसकी मौजूदगी की जानकारी सामने आयी। जिनमें ज्यादातर लैटिन अमेरिकी मुल्क अर्जेंटीना और चिली शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक लैम्ब्डा वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन होते हैं। ये म्यूटेशन वेरियंट की संप्रेषणीयता (Transmissibility of Mutation Variants) पर असर डाल सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने लिखा कि "लैम्ब्डा कई देशों में सामुदायिक प्रसारण की वास्तविक दरों के साथ जुड़ा हुआ है, समय के साथ बढ़ते प्रसार के कारण कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। लैम्ब्डा में संदिग्ध फेनोटाइपिक प्रभावों के साथ कई म्यूटेशन होते हैं, जैसे संभावित वृद्धि, ट्रांसमिसिबिलिटी या एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने की क्षमता और इंसानी इम्युनिटी को खत्म करना।

यूके में दर्ज किये Lambda वेरियंट के इतने केस

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) द्वारा शुक्रवार (25 जून 2021) को प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड में लैम्ब्डा संस्करण के छह मामले दर्ज किये। पीएचई ने लैम्ब्डा (सी.37) संस्करण को सघन जांच की श्रेणी में डाला है। पीएचई ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि- पीएचई वायरस के व्यवहार पर म्यूटेशन के असर को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रयोगशाला में अत्याधुनिक टेस्टिंग की जा रही है। जिसके तहत अतिरिक्त कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग और टारगेटिड टेस्ट करने के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये पर्याप्त हस्तक्षेप किये जायेगें।

Lambda वैरियंट के लक्षण

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के मुताबिक मौजूदा वक़्त में ऐसा कोई सबूत नहीं है कि लैम्ब्डा वेरियंट ज़्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनता है या मौजूदा टीकों को कम प्रभावी बनाता है। एनएचएस लोगों के लक्षणों के आधार पर कोरोना वायरस पर नज़र बनाये रखने की सिफारिश करता है।

- तेज बुखार, लगातार खांसी, गंध या स्वाद में कमी या किसी तरह का बदलाव

कोविड लक्षणों वाले ज़्यादातर लोगों में इन लक्षणों में से कम से कम एक लक्षण जरूर होगा।

संक्रमण को दूसरों तक जाने से रोकने के लिये सभी को नियमित रूप से जांच कराने की सलाह दी जाती है क्योंकि कोविड-19 वाले तीन लोगों में से किसी को लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। जिस किसी में भी कोविड के लक्षण हैं, उसे खुद को घर के दूसरे सदस्यों से अलग होकर सेल्फ आइसोलेशन में रहना चाहिये। कोविड लक्षणों वाले लोगों को भी जल्द से जल्द एक PCR टेस्ट करवाना चाहिए ताकि ये सत्यापित किया जा सके कि वो COVID-19 पॉजिटिव है या नहीं।

डब्ल्यूएचओ क्या सिफारिश करता है?

वायरस में लगातार बदलाव की उम्मीद जारी है, और जितना ज़्यादा SARS-CoV-2 प्रसारित होगा वायरस उतना ही ज़्यादा विकसित होगा। इस पर रोग नियंत्रण विधियों, रणनीतिक तैयारी और रिस्पॉन्स प्लानिंग से काबू पाना जरूरी है। जिसके लिये मौलिक वैश्विक रणनीति बेहद जरूरी है। वायरस म्यूटेशन के मामले सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सीधा नकारात्मक प्रभाव डाल सकते है।

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