लाइफ स्टाइल डेस्क (देविका चौधरी): वुमेन बॉडी की सबसे मिस्टिरियस पहेली है क्लिटोरिस (Clitoris)। जिसके बारे में मेल तो क्या फीमेल भी ज़्यादा नहीं जानती। मेल पार्टनर को बताना चाहेगें कि, ये छाती, निप्पल, गर्दन, जांघ, कान, गला और पीठ से भी ज़्यादा सेंसिटिव एरिया है। अगर इसे सही तरीके से स्टिम्युलेट (उत्तेजित) किया जाये तो महिलाओं को 100 फीसदी गारन्टीड सेक्सुअल सेटिस्फिकेशन मिलता है। मान लीजिए कि ये फीमेल बॉडी का सेन्ट्रल सेक्सुअल प्वाइंट (Central Sexual Point) है। बेहद कम मामलों में ही महिलायें इसके छेड़छाड़ से खुश नहीं होती लेकिन बड़े स्तर पर वो चाहती है कि मेल पार्टनर इस पर कुछ नॉटी अप्लाई करें।
ये ऐसी चाबी है, जो आपके फीमेल पार्टनर का बेड पर एक अलग ही वर्जन अनलॉक्ड करती है। काफी हद तक ये मेल जेनाइटल पार्ट्स (पुरूष लिंग) से मिलती जुलती है। ये ट्यूबरकल टिश्यूज (Tubercle tissues) से बनी होती है। जिसका जुड़ाव सीधे नर्व सिस्टम से होता है। अगर इसमें हल्की से भी छेड़खानी की जाये तो ब्लड़ सर्कुलेशन एकाएक बढ़ जाता है और महिलायें एक ही दम से उत्तेजना के शिखर पर होती है। ये वैजाइना के ऊपरी हिस्से में एक दानेदार किस्म की संरचना है। इसी दाने को अलग-अलग तरीके से छूकर आप फीमेल पार्टनर के शरीर में सनसनाती सिहरन पैदा कर सकते है।
ऐसे करे क्लिटोरिस स्टिम्युलेट
सबसे पहले अपने पार्टनर के शरीर में इसे ढूढ़े। शरीर की अलग-अलग बनावट के आधार इसकी जगह थोड़ी अलग हो सकती है और साथ ही साइज़ भी। इसे छूने, रगड़ने,चूमने और मसलने से क्लिटोरियल ऑर्गेज़्म पार्टनर को दिया जा सकता है। जिसके लिए आप सेक्स टॉय का भी इस्तेमाल कर सकते है। मैनुअल क्लिटोरिस स्टिम्युलेशन दौरान मेल पर पार्टनर को आला दर्जे का हाइजीन डिसिप्लीन का पालन करना होगा। इस पर किसी तरह की छेड़छाड़ करने से पहले आपको बेहद कम फ्रिंकवेंसी से शुरूआत करनी होगा। एक ही दम से टॉप गियर में जाने बचिये। ये बेहद सॉफ्ट टिश्यूज से बना होता है। इसके साथ जोर जब़रदस्ती करने से बचे।
गारन्टिड ऑर्गेज़्म
इसकी बनावट ही ऐसी है कि जरा सी कोशिश करके मेल पार्टनर और फीमेल पार्टनर को चरमसुख का आनंद दे सकते है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दर्द के बिना आप बेड पर बेहतरीन अनुभव ले सकते है। ये शर्तिया ऑर्गेज़्म देता है। इसके आसपास के एरिया यानि कि वुलवा, लाबिया, वेस्टिबुल और माइनोरा भी काफी सेक्सुअली सेंसिटिव होते है। जिन पर फोर प्ले की तकनीकी आजमायी जा सकती है। क्लिटोरिस सहित ये सभी हिस्से जल्द ही चरमसुख देने की काबिलियत रखते है।
कुछ अलग है ये मामला
वैजाइनल ऑर्गेज़्म और क्लिटोरियल ऑर्गेज़्म दोनों बेहद अलग-अलग चीज़ें है। साधारण शब्दों में कहें तो वैजाइनल ऑर्गेज़्म गुड़ है तो क्लिटोरियल ऑर्गेज़्म चीनी। शरीर के इस हिस्से से करीब 8000 से ज़्यादा नसें सेन्ट्रल नर्व सिस्टम से जुड़ी होती है। अगर इसे ठीक से उत्तेजित कर दिया जाये तो इसकी झनझनाहट पूरी बॉडी में कहीं ज़्यादा देर तक बनी रहती है। जो कि आपके फीमेल पार्टनर को बेबस करने का माद्दा रखती है। कुल मिलाकर कहा जाये तो ये वैजाइनल ऑर्गेज़्म से कहीं आगे की चीज़ है।
सिंगल सेक्स के लिए बेस्ट
आजकल कई महिलायें अकेले रहना पसन्द करती है। ऐसे में यौनसुख के लिए मास्टरबेट करना एक ऑप्शन रह जाता है। वो इसे सहलाकर काफी एन्जॉयमेंट महसूस करती है। साथ ही ऐसा करके उनकी वर्जिनिटी भी बरकरार रहती है। बेहद कम वक़्त में ये डिस्चार्ज करने में मदद करता है। सीधे तौर पर ये ल्युब्रिकेशन में मदद करता है। कई सेक्स टॉय कंपनियां इस बात को ध्यान में रखते हुए वाइब्रेटर डिजाइन करती है। जिन महिलाओं में यौन उत्तेजना की कमी होती है अक्सर उन्हें ओरल क्लिटोरिस स्टिम्युलेशन की सलाह दी जाती है।