जानिये डेल्टा वेरियंट से कितना अलग है Delta plus

न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): भारत में पाया जाने वाला कोविड-19 का डेल्टा वेरियंट महामारी की घातक दूसरी लहर में उछाल लाने के लिये खासतौर से जिम्मेदार था लेकिन अब उस वेरिएंट का एक और म्यूटेशन सामने आया है, जिसे ‘डेल्टा प्लस’ (Delta plus) कहा जा रहा है जो चिंता का सब़ब बना हुआ है।

कुछ वैज्ञानिकों को चिंता है कि म्यूटेशन, डेल्टा संस्करण की अन्य मौजूदा विशेषताओं के साथ इसे और ज़्यादा संक्रामक (More Contagious) बना सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (23 जून 2021) को कथित तौर पर कहा कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में K417N म्यूटेशन के साथ डेल्टा प्लस संस्करण के लगभग 40 मामले सामने आये। फिलहाल इनमें कोई उछाल नहीं देखा जा रहा है।

16 जून तक 11 देशों में नए डेल्टा प्लस संस्करण के लगभग 200 मामले पाये गये। जिनमें ब्रिटेन (36), कनाडा (1), भारत (8), जापान (15), नेपाल (3), पोलैंड (9), पुर्तगाल (22), रूस (1), स्विट्ज़रलैंड (18), तुर्की (1), और संयुक्त राज्य अमेरिका (83) खासतौर से शामिल है।

क्या है 'Delta plus' कोविड-19 वेरियंट?

डेल्टा प्लस (B.1.617.2.1/(AY.1) SARS-CoV-2 कोरोनावायरस का एक नया रूप है जो वायरस के डेल्टा स्ट्रेन (B.1.617.2 वेरिएंट) में म्यूटेशन के कारण बनता है। ये भारत में पहली बार खोजे गये डेल्टा संस्करण का एक उप-वंश है और इसने K417N नामक स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन (Spike Protein Mutation) को अपनाया। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए बीटा एडिशन में भी ये पाया गया था।

चूंकि ये अभी भी तकनीकी रूप से नया म्यूटेंट स्ट्रेन है, इसलिए इसकी गंभीरता या एंटीबॉडी के प्रतिरोध के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कुछ रिपोर्टों का दावा है कि डेल्टा प्लस (AY.1) मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल के लिए प्रतिरोधी है, लेकिन इस क्षेत्र में और ज़्यादा रिसर्च की जरूरत है।

वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील के मुताबिक K417N चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के कॉकटेल की प्रभावशीलता को कम करने के लिये जाना जाता था।

कितना खतरनाक है 'Delta plus' वेरिएंट?

डेल्टा प्लस म्यूटेंट स्ट्रेन के उभरते हुए वेरिएंट्स में से एक ने K417N म्यूटेशन भी हासिल कर लिया है, जो दक्षिण अफ्रीका के बीटा वेरिएंट में पाया जाता है। कुछ वैज्ञानिकों को डर है कि डेल्टा संस्करण की अन्य मौजूदा विशेषताओं के साथ ज्वॉइंट म्यूटेशन इसे और ज़्यादा संक्रामक बना सकता है। इस म्यूटेशन के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता की टेस्टिंग करने के लिए भारत सहित वैश्विक स्तर पर अध्ययन जारी हैं।

डेल्टा प्लस भारत में संक्रमण की एक और लहर लायेगा क्योंकि ये हाल के मामलों को देखते हुए दुनिया की सबसे खराब दूसरी लहर के उछाल से उभरा है। विशेषज्ञों की राय के मुताबिक नया म्यूटेंड एडिशन सिर्फ कोविड-19 टीकों के साथ-साथ पहले के संक्रमणों से भी प्रतिरक्षा को चकमा देने में सक्षम हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा प्लस संस्करण में न केवल वे सभी लक्षण हैं जो मूल डेल्टा संस्करण में थे, बल्कि इसके साथ ही इसमें बीटा संस्करण (K417N उत्परिवर्तन) के लक्षण भी हैं।

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