धर्म डेस्क (दीक्षा गुप्ता): महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) यानी भोलेनाथ की शादी का दिन। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल शिवरात्री फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनायी जाती है, इस साल यह त्यौहार 11 मार्च को मनाया जाने वाला है। शिव कल्याणकारी हैं उनका नाम लेने मात्र से ही समस्त पापों का नाश हो जाता है। भगवान शिव को रूद्राक्ष बेहद प्रिय हैं, चलिए आपको बताते हैं रूद्राक्ष के महत्व के साथ उसके चमत्कारी फायदों के बारे में, जिससे अधिकतर लोग आज भी अनजान हैं। ये भी पढ़ें – CBSE 10 और 12 बोर्ड एक्ज़ाम को लेकर जरूरी अपडेट, स्टूडेंट जरूर पढ़े पूरी खब़र
क्या है रूद्राक्ष का महत्व
रूद्राक्ष भगवान शिव (Lord Shiva) को बेहद पसंद हैं, जिसे वो अपने हाथ और गले में धारण करते हैं। रूद्राक्ष (Rudraksha) दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें रूद्र का अर्थ है शिव और अक्ष का मतलब आँख होता है, जो की महादेव का प्रलयकारी तीसरा नेत्र है। यह एक तरह का फल है जो कि पेड़ो से प्राप्त होता है। इसे धारण करने से लोगों के सारे पाप मिट जाते हैं और साथ ही उनके सारे दुखों का भी अंत होता है। इसे श्रृद्धापूर्वक भोले बाबा का नाम लेकर धारण करना चाहिए।
रूद्राक्ष के पीछे की पौराणिक कथा
रूद्राक्ष (रुद्राक्ष) से जुड़ी एक कथा है जिसके अनुसार विन्ध्य पर्वत पर गंदर्भ नाम का शख्श रहता था, जो रोज रूद्राक्ष ढोया करता था। एक दिन इसी काम को करते हुए उसकी मृत्यु हो गई। उसने मरते हुए रूद्राक्ष को स्पर्श कर लिया था, जिसकी वजह से शिव धाम की प्राप्ति हुई।
इस शिवरात्रि कैसे करें शिव की पूजा
शिव ही एक ऐसे भगवान हैं जिनकी पूजा के लिए कोई विधी विधान नहीं हैं। केवल हाथ जोड़ लेने मात्र से ही उनकी कृपा मिल जाती है। मात्र कुछ आसान से काम करके महादेव (Mahadev) का आशीर्वाद पा सकते हैं। ये भी पढ़ें – CBSE 10 और 12 बोर्ड एक्ज़ाम को लेकर जरूरी अपडेट, स्टूडेंट जरूर पढ़े पूरी खब़र
- आप अपने मन में उपवास का प्रण लेकर अपनी इच्छानुसार उपवास रख सकते हैं।
- शिवलिंग को जल, दूध, शहद, दही आदि से स्नान करवा कर बेल पत्र और पुष्प चढा सकते हैं
- भगवान शिव की चालिसा, आरती पढ कर मृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। अगर यह संभव नही है तो केवल ओम् नम: शिवाय (Om Namah Shivay) का भी जाप कर उनमें अपना ध्यान लगा सकते हैं।
- भोलेनाथ से पूजा के बाद अपने मन की बात कह सकते हैं।
इस शिवरात्री आप भी रूद्राक्ष को धारण कर अपने मन की मुराद को भगवान शिव से माँग सकते हैं।