नई दिल्ली (शौर्य यादव): देश की आर्थिक गतिविधियां का पहिया Unlock-1 के साथ धीरे-धीरे घूमने लगा है। केंद्र सरकार सीमित दायरे में कई गतिविधियों को छूट दे चुकी है। जिसके लिए रोजाना अलग-अलग संस्थानों के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने धार्मिक संस्थानों (religious places) को खोलने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की। जिसके मुताबिक फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को धार्मिक संस्थानों में जाने की कोई छूट नहीं होगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को जूते चप्पल अपनी गाड़ी में ही रखने होंगे।
मंदिरों में देव प्रतिमाओं को स्पर्श करना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। साथ ही श्रद्धालुओं को एक दूसरे से 6 फीट की अनिवार्य दूरी के नियम का पालन करना होगा। इस दौरान भक्ति संगीत बजाने की पूरी छूट होगी। लेकिन कलाकारों की मंडली एकजुट हो, भजन कीर्तन जैसे कार्यक्रम नहीं कर पाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जारी इस मानक प्रक्रिया का पालन करवाने की बड़ी जिम्मेदारी धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन पर होगी। जिसके लिए उन्हें संरक्षित फंड का इस्तेमाल भी करना पड़ सकता है। इसके तहत प्रबंधन को श्रद्धालुओं को सैनिटाइज करने और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करने का पैसा खुद से खर्च करना होगा। प्रबंधन इस बात का खास ख्याल रखेगा कि, बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को भी धार्मिक स्थल पर प्रवेश की अनुमति हो।
धार्मिक स्थलों कि नियमित साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के प्रावधानों को भी सुनिश्चित किया गया है। इस दौरान दिल्ली पुलिस और दिल्ली नागरिक सुरक्षा के कर्मियों की नियुक्ति धार्मिक स्थलों के पास होगी ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था ना फैले। धार्मिक स्थलों से जुड़े स्वयंसेवी धर्म स्थलों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करवाने की जिम्मेदारी भी संभाल सकते हैं।