न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): Kharmas 2022: जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते है तो उसे धनु संक्रांति कहते हैं। धनु गुरू की उग्र राशि है और इसमें सूर्य के प्रवेश का विशेष महत्व है। इसे धनु खरमास भी कहते हैं, जिसमें शुभ कार्यों की सख़्त मनाही होती है। इस साल धनु खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है और 15 जनवरी 2023 को सूर्य के मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश करने के बाद ये समाप्त होगा।
अब जाने खरमास में क्या कर सकते है और क्या नहीं
खरमास के दौरान नहीं होते हैं विवाह
विवाह समारोह का सबसे बड़ा उद्देश्य नवविवाहितों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देना है। इसलिये जब खरमास के दौरान सूर्य धनु राशि में चले जाते है तो ये सुख-समृद्धि के लिये अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि खरमास के दौरान शादी करने से सुख मिलने की संभावना काफी कम हो जाती है। इस दौरान विवाह के अलावा लगन, गृह प्रवेश, जनेऊ और मुंडन (Janeu and Mundan) जैसे कार्य भी वर्जित होते हैं।
खरमास में क्यों वर्जित होते हैं शुभ कार्य?
खरमास में द्विरागमन, कर्णवेधन और मुंडन जैसे शुभ कार्य भी वर्जित होते हैं। सूर्य के धनु राशि (Sagittarius) यानि अग्निग्रह में होने से स्थिति और बिगड़ती है। अगर आप कोई नया काम या व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं तो ये अवधि उसके शुरू करने के लिये शुभ नहीं है। खरमास में कोई नया व्यापार शुरू करना आर्थिक तंगी को जन्म देता है क्योंकि इस समय आपके ख़र्चे काफ़ी बढ़ सकते हैं। कर्ज का बोझ भी बढ़ सकता है।
क्यों नहीं खरीदी जाती खरमास में संपत्ति?
धन कमाने का उद्देश्य धन का आनंदपूर्वक आनंद लेना है। आपका काम बीच में अटक भी सकता है और कभी-कभी दुर्घटना की संभावनायें भी बनती हैं। इस काल में बने घर आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनमें रहने का सुख नहीं मिल पाता है।
खरमास के दौरान क्या किया जा सकता है?
अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर है तो खरमास में विवाह किये जा सकते हैं। यदि कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में है तब भी इस दौरान शुभ कार्य किये जा सकते हैं। नियमित रूप से किये जाने वाले कार्यों पर भी खरमास का बंधन या दबाव नहीं रहता है। इस काल में सीमंत या जातकर्म किया जा सकता है। इस दौरान गया में भी श्राद्ध किया जा सकता है।