हेल्थ डेस्क (यामिनी गजपति): पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (General Pervez Musharraf) का 5 फरवरी को दुबई के एक अस्पताल में 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एमाइलॉयडोसिस (Amyloidosis) नामक दुर्लभ मेजिकल कंडीशन के साथ लंबे समय तक लड़ाई लड़ते हुए वो कई महीनों से अस्पताल में भर्ती थे। कई साल पहले ही उनका एमाइलॉयडोसिस डायग्नोस किया गया था, जिसके बारे में उनके परिवार के लोगों में खुलासा किया था। 10 जून, 2022 को मुशर्रफ़ परिवार ने एक बयान जारी किया जिसमें जिक्र किया गया था कि, “वो वेंटिलेटर पर नहीं हैं। बीमारी (एमिलॉयडोसिस) की कॉम्पिलेक्शन की वज़ह से वो 3 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं। इनन मुश्किल हालतों के बीच रिकवरी लगभग नामुमकिन है और अंग खराब हो रहे हैं।”
एमिलॉयडोसिस नामक दुर्लभ बीमारी ने जनरल परवेज मुशर्रफ के शरीर में कई अंगों को खराब कर दिया था। ऐसे में आपको बीमारी के बारे में खासा जानने की जरूरत है।
आखिर क्या है एमिलॉयडोसिस बीमारी?
एमिलॉयडोसिस बीमारी दुर्लभ बीमारी है, इसके तहत एमाइलॉइड प्रोटीन (Amyloid Protein) शरीर के अंगों में बनता है, जिससे उनमें खराबी आने लगती है और आखिरकर कुछ मामलों में कई अंग काम करना बंद कर देते है, जिससे मल्टी ऑर्गन फेल्योर (Multi Organ Failure) की वज़ह से मरीज की मौत हो जाती है। एमाइलॉइड एक खास किस्म का प्रोटीन है जो आमतौर पर पेट में पाया जाता है और ये अस्थि मज्जा (बोन मैरो) से बना होता है। ये प्रोटीन मानव शरीर के ऊतकों (टिश्यू) और अंगों में जमा हो सकता है, जिससे उनमें खराबी आ जाती है।
आमतौर पर एमिलॉयडोसिस से प्रभावित होने वाले अंगों में हृदय, गुर्दे, यकृत, प्लीहा, तंत्रिका तंत्र और पाचन तंत्र (Nervous System And Digestive System) शामिल हैं। इस दुर्लभ बीमारी के शुरुआती लक्षणों के तहत पेट में सूजन, सुन्नता, कई अंगों में झुनझुनी, सांस की तकलीफ और अंगों में दर्द शामिल हैं। एमिलॉयडोसिस के लिये कई अलग-अलग तरह के ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जिनमें दवा, कीमोथेरेपी, या स्टेम सेल प्रत्यारोपण (Stem Cell Transplant) शामिल हैं।
बता दे कि परवेज मुशर्रफ का दुबई में साल 2016 से इस दुर्लभ बीमारी का इलाज चल रहा था। बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) की हत्या के आरोप में मुशर्रफ को पाकिस्तान (Pakistan) में भगोड़ा करार दिया गया था।