न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) के कई नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं, वहीं आप का एक और नेता एजेंसियों की नज़र में आ गया है। कुछ दिन पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) मामले में आप विधायक अमानतुल्ला खान (MLA Amanatullah Khan) को दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB- Anti Corruption Bureau) ने गिरफ्तार किया था।
दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने बीते शुक्रवार (16 सितम्बर 2022) को आप विधायक अमानतुल्ला खान के घर और उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की और 12 लाख रूपये और बिना लाइसेंस वाला हथियार जब्त किया।
आप दिल्ली एसीबी की जांच के दायरे में है, जो कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच कर रही है। खान को दिल्ली एसीबी ने दो साल पुराने मामले में तलब किया था, जिसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है दिल्ली वक्फ बोर्ड का मामला?
दो साल पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में कथित भर्ती घोटाले के ममले में एफआईआर (FIR) दर्ज की गयी थी, जो कि वक्फ बोर्ड में लोगों की गैरकानूनी बहाली के इर्द-गिर्द घूमती है। बता दे कि वक्फ बोर्ड राष्ट्रीय राजधानी में सभी वक्फ संपत्तियों का रेगुलटरी बॉडी है।
अमानतुल्ला खान के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक उन पर ये आरोप लगाया गया था कि वक्फ बोर्ड में मौजूदा और गैर-मौजूदा पदों पर की गयी कई बहालियां “मनमानी और अवैध” थीं। शिकायत के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड में 33 लोगों की भर्ती की गयी, जिसमें सभी नियम और कायदों को ताक पर रखा गया।
ये भी आरोप लगाया गया कि जिन लोगों को “गलत तरीके से” बोर्ड में भर्ती कराया गया था, वो खान से जुड़े हुए थे और उनके निर्वाचन क्षेत्र ओखला (Okhla) के थे। दिल्ली एसीबी ने आप नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (लोक सेवक द्वारा रिश्वत लेना) के तहत शिकायत दर्ज की थी।
अमानतुल्ला खान को क्यों किया गया गिरफ्तार?
दिल्ली एसीबी ने पिछले हफ्ते अमानतुल्ला खान से जुड़ी संपत्तियों पर कई छापे मारे और करीब 12 लाख रूपये नकद और बिना लाइसेंस वाली ब्रेटा पिस्टल (Breta Pistol) बरामद की। इन सामानों की बरामदगी के कुछ घंटे बाद खान को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले एसीबी ने उपराज्यपाल सचिवालय (Lieutenant Governor’s Secretariat) को खत लिखकर मांग की थी कि खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटाया जाये, क्योंकि उनके खिलाफ एक मामले में गवाहों को “धमकाने” से जांच में रूकावट पैदा हुई थी।