नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): अजय कुमार मिश्रा टेनी को गृह राज्य मंत्री (MoS) के पद से हटाने की मांग करते हुए राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज (16 दिसम्बर 2021) आरोप लगाया कि मोदी सरकार उन पूरी तरह बचाने की कोशिश कर रही है।
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होनें कहा कि- हमने लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Incident) को लेकर राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। हम सदन लखीमपुर खीरी हुई घटनाओं पर चर्चा चाहते थे। खासकर ऐसे मौके पर जब एसआईटी ने साफतौर पर ये कह दिया है कि किसानों पर हमला तयशुदा तरीके से किया गया था और ये हत्या की वारदात थी।
राज्यसभा में नेता विपक्ष (Leader of Opposition in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge) ने आगे कहा कि- पुलिस ने अपडेटिड चार्जशीट (Updated Charge Sheet) दायर की है। मामले की निगरानी सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जा रही है ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि जांच ठीक से चल रही है। इसमें गृह राज्य मंत्री का बेटा शामिल है और वो खुद साजिशकर्ता था। उसने अपने 13 दोस्तों के साथ मिलकर किसानों की हत्या को अंज़ाम दिया।
उन्होंने आगे कहा कि, “पीएम कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अगर एसआईटी रिपोर्ट के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है तो हमें कहना होगा कि पीएम मोदी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे है। सभापति ने हमारी अपील नहीं सुनी और अचानक सदन को स्थगित कर दिया।”
खड़गे ने एक पत्रकार के साथ गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी द्वारा किये दुर्व्यवहार की निंदा की और कहा कि, "अगर आप जवाब नहीं देना चाहते हैं तो आप बस चुप रह सकते हैं। पत्रकार को इस तरह के बयान देना मंजूर नहीं है।"
बता दे कि हाल ही में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी से एक न्यूज चैनल के स्ट्रिंगर ने लखीमपुर खीरी मामले में सवाल पूछा जिस पर वो बिफर पड़े और पत्रकार से बदसलूकी कर बैठे। इस घटना की वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस बीच लखीमपुर खीरी कांड को लेकर सदन में विपक्ष के विरोध और मंत्री अजय मिश्रा टेनी के तत्काल इस्तीफे की मांग के बाद लोकसभा और राज्यसभा को गुरूवार (16 दिसंबर 2021) दोपहर 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को लखीमपुर हिंसा को "तयशुदा सोची समझी साज़िश" (Well Thought Out Plot) करार दिया था, जिसकी वज़ह आठ लोगों की मौत हो गयी थी। स्थानीय किसानों ने हिंसा के लिये अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' और उनके बेटे आशीष को दोषी ठहराया, उस दौरान किसानों के विरोध के दौरान चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार की जान चली गयी थी।
लखीमपुर खीरी में मंत्री के काफिले का हिस्सा रहे एक वाहन ने आंदोलनकारी किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया। इस मामले से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। जिसमें साफ देखा गया कि गुस्से में किसान महिंद्रा थार को पीछे से पीट रहे है। मंत्री और उनके बेटे ने आरोपों से इनकार किया। हालांकि आशीष मिश्रा और कई अन्य लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।