न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को आज (11 मार्च 2023) जमीन के बदले नौकरी मामले में दूसरी बार तलब किया है। मामले पर पहला समन 4 फरवरी को जारी किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के आवास पर छापेमारी के एक दिन बाद ये समन सामने आया है।
अधिकारियों ने कहा कि, ईडी की टीम राजद नेता से यहां नई दिल्ली (New Delhi) स्थित उनके आवास पर 11 घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ करने के बाद रवाना हुई। ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Former Railway Minister Lalu Prasad Yadav) के कई रिश्तेदारों के खिलाफ दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और बिहार में कई ठिकानों पर छापेमारी करते हुए दबिश दी थी।
दिल्ली में लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के साथ-साथ बिहार में राजद नेता और पूर्व विधायक अबू दोजाना के घर पर भी छापेमारी की गयी। ईडी ने मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले का संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत ये छापेमारी और तलाशी ली।
सीबीआई की एक टीम की ओर से नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद से पूछताछ के कुछ दिनों बाद एजेंसी ने ये तलाशी ली थी। इसी क्रम सीबीआई ने मंगलवार (7 मार्च 2023) को दो सत्रों में लालू प्रसाद से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की थी।
सीबीआई ने बीते सोमवार (6 मार्च 2023) को लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) से भी उनके पटना (बिहार) स्थित आवास पर पांच घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ की। सीबीआई पहले ही लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और 14 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर कर चुकी है।
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने लालू प्रसाद और अन्य आरोपियों को 15 मार्च को पेश होने के लिये सम्मन जारी किया था। सीबीआई ने मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के विशेष कार्य अधिकारी भोला यादव, रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी और घोटाले का कथित लाभार्थी धर्मेंद्र राय शामिल है।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने साल 2004 से 2009 के बीच जब वो रेल मंत्री थे, भारतीय रेलवे (Indian Railways) में नौकरी के लिये रिश्वत के तौर पर कई जमीन के प्लाट हासिल किये थे। एजेंसी ने जांच के सिलसिले में पिछले साल अगस्त में करीब दो दर्जन ठिकानों पर तलाशी भी ली थी।