न्यूज़ डेस्क (दिगान्त बरूआ): आज डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए 294.53 करोड़ की लागत से तैयार योजनाओं (Prdhan Mantri Matsya Sampada Scheme-PMMSY) की घोषणा की। इस दौरान उन्होनें ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ और e-Gopala App का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) और केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह (Union Fisheries, Animal Husbandry and Dairy Minister Giriraj Singh) ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवायी। इन योजना से मछली पालकों और दुग्ध उत्पादकों को खासा लाभ मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। इसी कड़ी के तहत बिहार में मत्स्यपालन, पशुपालन व कृषि विभागों से जुड़ी दूसरी योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास पीएम मोदी द्वारा करवाया जाना तय किया गया है। चुनाव द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की औपचारिक घोषणा से पहले वे पांच वर्चुअल रैलियां (Five virtual rallies) कर सकते है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के डिजीटल लोकापर्ण के दौरान प्रधानमंत्री संबोधन के बड़ी बातें
- आज जितनी भी ये योजनाएं शुरू हुई हैं उनके पीछे की सोच ही यही है कि हमारे गांव 21वीं सदी के भारत, आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें, ऊर्जा बनें।
- कोशिश ये है कि अब इस सदी में Blue Revolution यानि मछली पालन से जुड़े काम, White Revolution यानि डेयरी से जुड़े काम, Sweet Revolution यानि शहद उत्पादन, हमारे गांवों को और समृद्ध करे, सशक्त करे।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700करोड़ रुपए का काम शुरु हो रहा है।
- हमारे देश में पशुपालन की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधे पर ही है। ऐसे में अगर महिलाओं को आधुनिक तकनीकों, पशुओं की अच्छी नस्लों वगैरह से जोड़ा जाए तो पशुपालन के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है। बनास डेरी की कुछ महिलायें सिर्फ दूध बेचकर हर साल करोड़ों रुपये कमा रही हैं।
- बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा।
- देश के हर हिस्से में,समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को, ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आज़ादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है।
- पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है। इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं। अब तक करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए बिहार के किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं।
- इस बात पर बहुत जोर दिया जा रहा है कि मुफ्त राशन की योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का लाभ बिहार के हर जरूरतमंद साथी तक पहुंचे, बाहर से गांव लौटे हर श्रमिक परिवार तक पहुंचे।
- पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही ज़रूरी होती है इसके लिए भी बीते सालों से निरंतर टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज ‘ई-गोपाला’ app शुरु किया गया है।
- ई- गोपाला app एक ऐसा digital माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी, उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। ये app पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा।
- अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे। यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।
- यहां के फल, चाहे वो लीची हो, जर्दालू आम हो, आंवला हो, मखाना हो, या फिर मधुबनी पेंटिंग्स हो,ऐसे अनेक प्रोडक्ट बिहार के जिले-जिले में हैं। हमें इन लोकल प्रोडक्ट्स के लिए और ज्यादा वोकल होना है। हम लोकल के लिए जितना वोकल होंगे, उतना ही बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।
- पूर्णिया जिले में मक्का के व्यापार से जुड़ा ‘अरण्यक FPO’ और कोसी क्षेत्र में महिला डेयरी किसानों की ‘कौशिकी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी’ ऐसे अनेक समूह प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। अब तो हमारे ऐसे उत्साही युवाओं के लिए, बहनों के लिए केंद्र सरकार ने विशेष फंड भी बनाया है।
- बिहार के लोग देश में हों, या विदेश में, अपनी प्रतिभा से, परिश्रम से वो अपना लोहा मनाते रहे हैं। मुझे विश्वास है कि बिहार के लोग अब आत्मनिर्भर बिहार के सपने को पूरा करने के लिए भी इसी तरह काम करेंगे।
- आज देश के 50 करोड़ से ज्यादा पशुधन को खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों से मुक्त करने के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशुओं को बेहतर चारे के लिए भी अलग-अलग योजनाओं के तहत प्रावधान किए गए हैं।
- कोरोना संकट के कारण शहरों से लौटे कई श्रमिक साथी पशुपालन की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार की तरफ से उन्हें प्रोत्साहन भी मिल रहा है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आप आज जो कर रहे हैं, उसका भविष्य उज्ज्वल है।
- बिहार कोरोना के साथ-साथ बाढ़ का बहादुरी से सामना कर रहा है।कोरोना और बाढ़ के कारण बिहार समेत आस पास के क्षेत्रों में जो स्थिति बनी है उससे हम भली भांति परिचित हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का प्रयास है कि राहत के कामों को तेज गति से पूरा किया जाए।