न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने अपने 1,850 पन्नों के आरोप पत्र में दावा किया है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या बिश्नोई और बंबिहा गैंग (Bambiha Gang) के बीच लंबी चली आ रही रंजिशों का नतीज़ा है।
26 अगस्त को कोर्ट में पेश एसआईटी की चार्जशीट के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई, सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार (Satwinder Singh/Goldie Brar), अनमोल बिश्नोई और सचिन थापन बिश्नोई गैंग के मेंबर हैं। हालाँकि दोनों गैंग एक दूसरे का सहयोग और समर्थन करते हैं। बावजूद इसके बिश्नोई गैंग (Bishnoi Gang) के खिलाफ गैंगस्टर देविंदर बंबिहा (Gangster Devinder Bambiha) गिरोह की अगुवाई करता है।
जांच दल ने आरोप लगाया कि दोनों गिरोहों के बीच दुश्मनी अक्टूबर 2020 में बंबिहा गिरोह द्वारा चंडीगढ़ (Chandigarh) में गोल्डी बरार के चचेरे भाई गुरलाल बरार (Gurlal Brar) की हत्या के साथ शुरू हुई। रिपोर्टों के मुताबिक बंबिहा गुट के सदस्य लवी देवड़ा, जिसे बिश्नोई गिरोह ने कोटकपूरा (Kotakpura) में मार दिया था। ये हत्या बदला लेने के लिये की गयी थी।
बरार की हत्या का बदला लेने के लिये बिश्नोई गिरोह ने फरीदकोट (Faridkot) में तत्कालीन युवा कांग्रेस अध्यक्ष, बंबिहा गिरोह के गुरलाल पहलवान को मार डाला। पहलवान से पहले बंबिहा गैंग के सदस्य राजिंदर कुमार शेफी पर भी नवंबर 2020 में फरीदकोट में बिश्नोई गैंग ने हमला किया था लेकिन वो मौके से फरार हो गया। मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी मनप्रीत सिंह भाऊ और पवन नेहरा को फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
एसआईटी की चार्जशीट में लिखा है कि, “4 अगस्त 2021 को बिश्नोई गैंग के मेंबरों ने अमृतसर (Amritsar) में गैंगस्टर रणबीर सिंह उर्फ राणा कंडोवालिया (Gangster Ranbir Singh/Rana Kandowalia) को भगवानपुरिया के इशारे पर मार डाला।” बता दे कि कंडोवालिया ने गैंगस्टर विक्की गौंडर और देविंदर बंबिहा का समर्थन किया था।
एसआईटी ने दावा किया कि- “7 अगस्त, 2021 को बांबिहा गैंग ने अपने आदमियों की हत्या का बदला लेने के लिये 14 मार्च को मोहाली में युवा अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा (Vicky Middukheda) और कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अंबियन की हत्या कर दी थी। इसके अलावा दोनों हत्याओं का बदला लेने के लिये बिश्नोई गिरोह ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी”
एसआईटी की चार्जशीट ने अब तक मूसेवाला की हत्या में किसी दूसरे एंगल की ओर इशारा नहीं किया है। एसआईटी ने चार्जशीट में कहा कि गायक की हत्या के पीछे गोल्डी बरार एकमात्र मास्टरमाइंड था और उसने बिश्नोई, भगवानपुरिया, सचिन भिवानी, अनमोल बिश्नोई, सचिन थापन बिश्नोई, मोनू डांगर, पवन कुमार बिश्नोई और शूटरों के साथ कोर्डिनेशन किया। उसने आरोपी को अलग-अलग काम सौंपे, जैसे कि आरोपियों को बंदूकें, नकदी, ठिकाना, कार, फोन और सिम कार्ड मुहैया करवाना।
एसआईटी ने ये भी माना कि मूसेवाला हत्याकांड में कम से कम आठ संदिग्ध अभियुक्त जो कि दो राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की छह अलग-अलग जेलों में बंद थे, लगातार आपस में बातचीत कर रहे थे और सलाखों के पीछे से लगातार अपनी हरकतें को अंज़ांम दे रहे थे।
लॉरेंस बिश्नोई, भगवानपुरी और दीपक उर्फ टीनू तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से फोन के जरिये रसद मुहैया करवाने के लिये शूटरों, हथियारों और गुर्गों की व्यवस्था कर रहे थे। मूसेवाला की रेकी मनमोहन सिंह मोहनन के लोगों के जरिये की गयी, जो कि मनसा जेल में बंद था। मोहनन ने कबूल किया कि बिश्नोई ने शूटरों के ठहरने की भी व्यवस्था उसने ही की थी। मोहना फोन के जरिये बिश्नोई, गोल्डी और भगवानपुरिया के लगातार संपर्क में था और पुलिस ने मनसा जेल की एक बैरक से दो मोबाइल फोन बरामद किये।
बता दे कि मूसेवाला की 29 मई को छह शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वो अपने चचेरे भाई और एक दोस्त जीप में मनसा के जवाहरके गांव (Jawaharke Village) जा रहे थे, जो कि दिवगंत गायक के पैतृक गांव मूसा से 10 किलोमीटर दूर है।