नई दिल्ली (शौर्य यादव): दिल्ली सरकार (Delhi government) ने बड़ा कदम उठाते हुए राजधानी में शराब की दुकानों को खोल दिया है। जिस बाद से शराब के ठेकों पर बड़ी तादाद में भीड़ देखने को मिली। कई जगहों पर Social Distancing की धज़्जियां उड़ते हुए भी देखी गयी। इसके साथ ही कई इलाकों में भीड़ संभालने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। दिलचस्प है कि केजरीवाल सरकार ने शराब बिक्री पर 70 फीसदी अतिरिक्त विशेष कोरोना शुल्क (Additional Special Corona Fee) लगाया है। ये उपकर त्वरित प्रभाव से बिक्री पर लागू होगा। इस कदम से दिल्ली सरकार के डगमगाये राजस्व घाटे (Revenue deficit) को थोड़ी बहुत राहत मिलेगी। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा (Special Branch of Delhi Police) ने दिल्ली सरकार को सिफारिश करते हुए कहा- शराब की दुकानों पर भीड़ को नियन्त्रित और सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने के लिए शराब की दुकानों को देर तक खोला जाये। राजधानी में तकरीबन 150 दुकानें खोलने की इज़ाजत दी गयी है। कयास लगाये जा रहे है कि, ये सभी दुकानें सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी। खास ये भी है कि सिर्फ सरकारी शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी है। इसके साथ उन दुकानों को तुरन्त ही बंद करवाया जायेगा, जहाँ पर लॉकडाउन (Lockdown) के नियमों का पालन नहीं होगा।
इस बीच राजधानी दिल्ली से कई दिलचस्प तस्वीरें आयी। शराब लेने के लिए लाइन में लगे लोगों पर एक शख़्स फूल बरसाते हुए देखा गया। फूल बरसाने वाला शख़्स लोगों से कह रहा है कि- आप लोग देश की इकनॉमी (Economy) हो। अब सरकार के पास पैसा नहीं बचा है।
एक तरफ फूल बरस रहे है तो दूसरी ओर गुस्सा। पूर्वी दिल्ली की लक्ष्मी नगर इलाके में शराब खरीदने के लिए लोगों की लाइन तड़के सुबह 05:45 बजे ही लगनी शुरू हो गयी। लाइन में लगे सभी लोगों ने आपसी सहमति (Mutual consent) से एक दूसरे को नंबर दिया। लाइन में लगे एक शख़्स ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के आने से व्यवस्था गड़बड़ा गयी वरना लोग काफी व्यवस्थित ढंग से ही खड़े थे। जिस तरह से दिल्ली सरकार की ओर से 70 फीसदी का आबकारी उपकर (Excise cess of 70 percent) लगाया गया है। उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। ये हमारी ओर से देश के लिए डोनेशन (Donation) है।
इंफेक्शन (Infection) की डोर तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है। ऐसे में छोटी सी भी लापरवाही भारी नुकसान दे सकती है। शराब की दुकान खोलने के पहले दिन के साथ ही दिल्ली सरकार को कारगार रोडमैप (Effective roadmap) तैयार करना चाहिए था।