- पायलट कैप्टन डीवी साठे बेहद अनुभवी पायलट थे।
- वे इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर रह चुके थे।
- मिग-21 उड़ाने में उन्हें महारत हासिल थी।
न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): बीती रात एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट संख्या एक्सप्रेस IX-1344, B737 दुबई से कालीकट 190 लोगों को वंदे भारत मिशन उड़ान योजना के अन्तर्गत लेकर आ रही थी। 2000 मीटर की विजिबिलिटी पर भारी बारिश के बीच रनवे संख्या 10 पर विमान की क्रैश लैडिंग (Crash landing) हुई। हादसा इतना भयानक था कि, विमान बीच में से टूटकर दो हिस्सों में बंट गया। चारों तरफ पैसेंजर्स की खौफजदा आवाजें, लहू से सराबोर कपड़े, डरे सहमे बच्चों, चीखती हुई महिलाएं मौके पर नज़र आये। मौके पर जिसने भी तबाही का ये मंजर देखा उसका कलेजा कांप गया। चारों तरफ पैसेंजर्स का सामान बिखरा हुआ था। जैसे ही मदद के लिए आसपास के लोग इकट्ठा हुए, हालात देखकर वो भी घबरा गये।
रेस्क्यू टीम और मदद के लिए इकट्ठा हुए स्थानीय लोगों की बदौलत वक्त रहते 174 लोगों की जान बचाने में काफी मदद मिली। बुरी तरह घायल लोगों को कोझिकोड और मल्लापुरम (Kozhikode and Mallapuram) के अस्पतालों में तुरन्त इलाज के लिए ले जाया गया। इस दौरान रेस्क्यू ऑप्रेशन तकरीबन डेढ़ घंटे चला। हादसे में एयर इंडिया के पायलट कैप्टन डीवी साठे (DV Sathe) और सहायक पायलट की केरल विमान दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई। उन्होनें विमान दो बार लैडिंग कराने की कोशिश लेकिन टेलविंड की वजह से वे असफल रहे। तीसरे प्रयास के दौरान ये बड़ा हादसा हो गया।
पायलट कैप्टन डीवी साठे बेहद अनुभवी पायलट थे। वे इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर (Wing Commander in Indian Airforce) रह चुके थे। मिग-21 उड़ाने में उन्हें महारत हासिल थी। साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उन्हें सामरिक उड़ानों (Tactical flights) को भी अन्ज़ाम दिया था। एयरफोर्स ट्रेनिंग एकडेमी में वो इस्ट्रक्टर रह चुके थे। नागरिक विमानों में वे नागरिक विमानों में वे बोइंग (Boeing) 737 और एयरबस (Airbus) 310 उड़ाने के विशेषज्ञ माने जाते थे। ये उनकी सूझबूझ का ही नतीज़ा था कि, हादसे में कम से कम लोग हताहत हुए।
घटनास्थल का मुआयना करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan) और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Governor Arif Mohammad Khan) कोझिकोड का दौरा करेंगे। कोझिकोड पहुँचकर कैबिनेट मंत्री हरदीप पुरी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि- दो पायलट समेत 18 पैसेंजर्स को इस हादसे में अपनी जान गंवानी पड़ी। 127 गंभीर रूप से जख़्मी लोगों को अभी स्थानीय अस्पतालों में इलाज़ चल रहा है। अन्य दूसरे यात्रियों को छुट्टी दे दी गयी है। फिलहाल ने हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (Aircraft Accident Investigation Bureau) को सौंप दी गयी है।