न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार आज विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक की अगुवाई करेंगे। इस बैठक में नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के अलावा और भी सियासी पार्टियां शामिल हो सकती हैं।
माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Chunav) के लिए शरद पवार गठबंधन के सूत्रधार हो सकते हैं। साथ ही इस कवायद को विपक्षी दलों की एकजुटता के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि बीते सोमवार (21 जून 2021) को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद इस बैठक को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। एक महीने के भीतर प्रशांत किशोर और शरद पवार की ये दूसरी मुलाकात थी
हाल ही में महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने इस बैठक का खुलासा करते हुए बताया कि, इसमें फारूख अब्दुल्ला, प्रीतीश नंदी, संजय सिंह, सुधींद्र कुलकर्णी, के सिंह, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, जावेद अख्तर, करण थापर, आशुतोष, कॉलिन गोंजाल्विस (Colin Gonsalves), इकोनॉमिस्ट अरुण कुमार, जस्टिस एपी सिंह, सांसद वंदना चव्हाण, एडवोकेट माजिद मेनन और घनश्याम तिवारी शामिल हो सकते हैं। बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों और देश के मौजूदा हालातों पर गहन चर्चा की जायेगी।
दिलचस्प है कि बीते सोमवार को दिल्ली में शरद पवार की प्रशांत किशोर से मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म था। इसी जून महीने की शुरुआत में प्रशांत किशोर पहले भी शरद पवार से उनके मुंबई वाले घर पर मिल चुके थे। विपक्षी दलों की बैठक की अगुवाई करने से पहले शरद पवार दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।
कांग्रेस Lok Sabha Chunav के साथ कर रही विधानसभा चुनावों की तैयारी
इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगामी 24 जून को पार्टी महासचिव और प्रदेश कार्य प्रभारियों की बैठक का आह्वान किया है। इस बैठक में चुनावी राज्यों को लेकर रणनीति बनाने पर चर्चा की जायेगी। जिसकी जानकारी के केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी सर्कुलर में दी गयी।
जानकारी के मुताबिक इस बैठक में कांग्रेस पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा इजाफे और महंगाई को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों का भी जायजा लेगी। इसके साथ ही संगठन की भीतरी मजबूती (inner strength) बनाये रखने के लिए चलाये जा रहे दूसरे सुधारों पर भी चर्चा करेगी। जिसके लिए पार्टी आला कमान राज्य नेतृत्व पर लगातार दबाव बना रही है।
माना जा रहा है कि सोनिया गांधी चाहती है कि अगले साल होने वाले चुनावों से पहले राज्यों में मची पार्टी की आंतरिक कलह को खत्म कर लिया जाये। पंजाब और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह की बात खुलकर सामने आ रही हैं।