नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): लव जेहाद का ऐसा किस्सा सामने आया, जिसे सुनकर सबके होश उड़ गये। मामले की पूरी कहानी लुधियाना, मेरठ और करनाल (Ludhiana, Meerut and Karnal) के बीच घूमती है। संजीव कुमार अपने परिवार से सहित लुधियाना में रहते है। उनके परिवार में उनकी बेटी एकता (Ekta) बी-कॉम की पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। इस दौरान झाड़ फूंक कराने के नाम पर एकता की मुलाकात शाकिब से हुई। जल्द ही शाकिब (Shakib) ने लुधियाना में काम-धंधा छोड़कर कारनाल में दुकान खोल ली। और एकता को नौकरी के लालच में करनाल बुला लिया। और धीरे-धीरे उसे अपने जाल में फंसाने लगा। शाकिब ने एकता को अपना नाम अमन बताया और बहला फुसलाकर उसे शादी का प्रस्ताव दे डाला। जिसके लिए एकता भी राजी हो गयी।
एकता लुधियाना से भागकर करनाल पहुँची, जहाँ वो अपने साथ 15 तोले सोने के जवाहरात और तकरीबन 15 लाख रूपये लेकर आयी। इसके बाद शाकिब उर्फ अमन तुरन्त एकता लेकर अपने गांव मेरठ (Meerut) के दौराला लाहिया पहुँचा। मई 2019 के दौरान दोनों ने एक दूसरे से शादी की। और इसके बाद शुरू हुई दरिन्दगी की इंतेहा। सुहागरात मनाने के बाद शाकिब और उसके परिजनों ने पैसों के लालच में एकता को नशीली गोली (Drug pill) पिला दी। एकता के शरीर से सारे कपड़े उतारकर उसे टुकड़े-टुकड़े कर दिया, मामले पर पर्दा डालने के लिए हाथ-पांव और सिर को तालाब में फेंका दिया। और धड़ को गन्ने के खेतों में नमक के साथ गाड़ दिया, ताकि धड़ जल्दी गल जाये।
इसके बाद शाकिब वापस करनाल लौट आया। बेहद शतिराना तरीके से एकता के परिवारवालों को झांसा देने के लिए वो एकता का मोबाइल इस्तेमाल करने लगा। इस दौरान वो एकता के व्हाट्स ऐप (Whats app) और सोशल मीडिया अकाउंट (Social media account) को वक्त-वक्त पर अपडेट करता रहा। और साथ ही एकता के परिवार वालों की सोशल मीडिया पोस्ट्स पर लाइक और कमेंट करने लगा। ताकि एकता के परिवारवालों को लगे कि, वो ज़िन्दा और सही सलामत है। एक साल तक शाकिब उर्फ अमन यूं ही एकता के परिवार वालों को गच्चा देता रहा। छानबीन के दौरान पुलिस को एकता की मौत का पता लगा, पुलिस ने 20 मई को एकता के परिजनों (Family) को उसकी मौत के बारे में बताया।