फिल्मी कहानी से कम नहीं SP सुप्रीमो अखिलेश यादव और डिंपल यादव की लवस्टोरी

न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): सपा (SP) सुप्रीमो और ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को जारी रखने की उम्मीद में समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव उत्तर प्रदेश में मैनपुरी (Mainpuri) लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने अखिलेश यादव के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से डिंपल यादव के चुनाव जीतने की काफी उम्मीद है, ये इलाका समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ है।

डिंपल यादव और अखिलेश यादव (Dimple Yadav and Akhilesh Yadav) ने 1999 में शादी की और दो दशकों से ज़्यादा समय से दोनों साथ हैं। हालांकि समाजवादी पार्टी के दो नेताओं की प्रेम कहानी किसी रोमांटिक फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है।

SP सुप्रीमो अखिलेश यादव और डिंपल यादव की लवस्टोरी

डिंपल यादव (पहले डिंपल रावत) 1990 के दशक के आखिर में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में ग्रेजुएशन की छात्रा थीं, जबकि अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय (University of Sydney) में तालीम हासिल कर रहे थे। दोनों की मुलाकात कॉमन फ्रेंड के जरिये हुई और जो कि दोस्ती से शुरू होकर जल्द ही प्यार में तब्दील हो गयी।

अखिलेश यादव और डिंपल रावत के बीच का रिश्ता मजबूत होने के बाद इस जोड़े ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया, लेकिन शादी में कई रूकावटें आयी। शुरुआती दौर में अखिलेश यादव के परिवार ने डिंपल के साथ शादी का विरोध किया, लेकिन सपा प्रमुख की दादी मूर्ति देवी और पार्टी नेता अमर सिंह (Amar Singh) डिंपल और अखिलेश के समर्थन में अड़े रहे।

अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने नवंबर 1999 में शादी की। शादी के दौरान कई मशहूर हस्तियों और राजनीतिक नेताओं ने शादी को ए-लिस्ट इवेंट बना दिया। सफल शादीशुदा जीवन के साथ ही इस सियासी जोड़े के दो बच्चे भी है। अपनी शादी के तुरंत बाद डिंपल यादव ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने और उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर उतरने का फैसला किया। डिंपल लोकसभा में दो बार सांसद रह चुकी हैं, दोनों बार कन्नौज सीट (Kannauj Seat) से उपचुनाव के दौरान वो सांसद रह चुकी हैं।

अब डिंपल यादव उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिये तैयार हैं, जो कि सपा सुप्रीमो और डिंपल यादव के ससुर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सीट थी। इस साल की शुरुआत में मुलायम सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी।

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