न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): लखनऊ (Lucknow) के जानकीपुरम मोहल्ले में सहारा क्लब (Sahara Club) की बाउंड्री वॉल के पीछे नाले के बगल में कचरे की खाई के नीचे एक नवजात शिशु का सड़ा-गला शव मिला जिससे इलाके में सनसनी मच गयी। मामले का पता तब चला जब सहारा क्लब के सुरक्षाकर्मी ने इलाके में काफी दुर्गंध महसूस की। उसने कुछ कचरा हटाने के लिये छड़ी का इस्तेमाल किया तो उसे वहां नवजात बच्चे की लाश मिली। पुलिस के मुताबिक बच्चा या तो मृत पैदा हुआ था या फिर ऐसा लगता है कि वहां रखे जाने के बाद उसकी मौत हो गयी।
मौके से मिली लाश इतनी सड़ चुकी थी कि नवजात बच्चे की लिंग का पता नहीं चल पाया। बरामद की गयी लाश तीन से पांच दिन पुरानी लग रही थी। लिंग और मौत का सटीक कारण अब पोस्टमॉर्टम टेस्ट के जरिये ही पता किया जा सकेगा। पुलिस के मुताबिक मौके पर नवजात की लाश किसने फेंकी, इसकी जांच की जा रही है। इस काम के लिये इलाके में आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का खंगाला जा रहा है।
मामले पर जानकीपुरम (Jankipuram) के एसएचओ बृजेश त्रिपाठी (SHO Brijesh Tripathi) ने कहा कि, “हम उस शख़्स के बारे में पता लगाने के लिये इलाके की छानबीन कर रहे हैं, जिसने लाश फेंकी थी।”
पिछले दो हफ्तों में लखनऊ में लावारिस हालत में नवजात पाये जाने की ये छठी वारदात है। इससे पहले 14 नवंबर और 20 नवंबर को दो नवजात बच्चियों को जिंदा छोड़ कर खुल में छोड़ दिया गया था और दोनों को चाइल्ड हैल्पलाइन (Child Helpline) के कार्यकर्ताओं ने बचा लिया। इससे पहले भी तीन नवजात बच्चियों की लाशें लावारिस अवस्था में बरामद की गयी थी।
विशेषज्ञों के मुताबिक आर्थिक तौर पर कमजोर लोग अक्सर लड़कों को पालने के पक्ष में लड़कियों को छोड़ देते हैं। ये सोच काफी समय से चली आ रही है। जानकारी और जागरूकता फैलाने के बावजूद लोग अभी भी एक लड़की को परिवार के लिये बोझ मानते हैं। देश में इस तरह की घटनायें काफी आम हैं, क्योंकि नवजात लड़कियों को या तो मार दिया जाता है या उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता है।