न्यूज डेस्क (देवव्रत उपाध्याय): गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो ने आज (11 अप्रैल 2023) तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देते हुए राज्यसभा सांसद के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इस पर उन्होनें कहा कि- “मैंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया है। मैं फिलहाल किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं।”
जारी की गयी प्रेस रिलीज में उन्होनें कहा कि वो पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) के न्यौते से प्रेरित होकर टीएमसी में शामिल हुए। उन्होंने आगे कहा कि, “मुझे उम्मीद थी कि उनके नेतृत्व और व्यक्तिगत भागीदारी में नए जमीनी उम्मीदवारों के साथ गोवा जमीनी राजनीति का एक नया खाका देखेगा, जिसका नाम तृणमूल है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “आगे विस्तार किये बिना ये कहने के लिए काफी है कि बेहतरीन इरादों के बावजूद चीजें योजना के मुताबिक नहीं हुईं”। फलेरियो ने उन्हें पार्टी में अहम पद सौंपने के लिये दीदी का शुक्रिया अदा किया।
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने कहा कि, “हम श्री लुइज़िन्हो फलेरियो के अच्छी सेहत, खुशी और लंबे जीवन की कामना करते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि वो गोवा के लोगों की अथक सेवा करते रहेंगे और राज्य की और ज्यादा प्रगति और उन्नति के लिये लगातार प्रयास करते रहेंगे। एआईटीसी चुनाव की सूचना मिलते ही सीट के लिये नये उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी।’
बता दे कि राज्य में पार्टी के मामलों से फलेरो को दरकिनार करने के बाद टीएमसी नेतृत्व उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में छोड़ने के लिए दबाव डाल रहा था। ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी गोवा फॉरवर्ड पार्टी (Goa Forward Party) के विजय सरदेसाई (Vijay Sardesai) के खिलाफ फतोर्दा (Fatorda) से 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद फलेरो से खासा नाराज थी।
जब टीएमसी ने गोवा में ज्यादा अधिक प्रचार किया तो उसने राज्यसभा सांसद अर्पिता घोष (Rajya Sabha MP Arpita Ghosh) जिनका कार्यकाल 2026 तक था, को पद छोड़ने के लिये कहा और फलेरो को 2021 में संसद के उच्च सदन में भेज दिया।