न्यूज डेस्क (मृत्युजंय): मध्यप्रदेश के सागर जिले (Sagar district of Madhya Pradesh) के एक उप डाकघर में दो दर्जन से ज़्यादा परिवारों की एक करोड़ से अधिक की गाढ़ी कमाई डूब गयी। जांच के दौरान सामने आया कि बीना सब-पोस्ट ऑफिस (Bina Sub-Post Office) के पोस्टमास्टर विशाल अहिरवार ने ये पैसे आईपीएल सट्टेबाजी में लगा दिये। फिलहाल पोस्टमास्टर ने अपने इकबालिया बयान में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मामले में 20 मई को बीना गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP- Government Railway Police) ने आरोपी पोस्टमास्टर को गिरफ्तार कर लिया था। पोस्टमास्टर इस बड़े कांड को बीते दो सालों से अंजांम दे रहा था।
बीना- जीआरपी थाना प्रभारी अजय धुर्वे (Bina- GRP station in-charge Ajay Dhurve) ने मीडिया को बताया कि- “गिरफ्तार किये गये सब-पोस्टमास्टर विशाल अहिरवार पर अभी धारा 420 आईपीसी (धोखाधड़ी) और 408 आईपीसी (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच के नतीजों के आधार पर मामले में और धाराये जोड़ी जा सकती हैं” पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि पोस्टमास्टर को बीना डाकघर में तैनात होने से पहले खिमलासा (सागर जिले में भी) में एक उप डाकघर में तैनात किया गया था और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद उसे वहां से निलंबित कर दिया गया था।
सब-पोस्टमास्टर (Sub-Postmaster) द्वारा धोखाधड़ी के वज़ह अपनी मेहनत की कमाई खोने वालों में वर्षा शामिल थी, जिसने अपने पति और ससुर दोनों को कोविड -19 महामारी में खो दिया था। मामले पर वर्षा ने कहा कि- “मेरे पति ने अपनी मौत से पहले 9 लाख रुपये जमा किये थे, लेकिन मुझे हाल ही में विशाल अहिरवार (Vishal Ahirwar) द्वारा धोखाधड़ी के बारे में पता चला, जिसके बाद मैं उप डाकघर आयी, जहां मुझे बताया गया कि सावधि जमा खाता संख्या (जिसके लिये विशाल ने FD सर्टिफिकेट और पासबुक भी जारी किया था) मौजूद नहीं है। मेरे पति और ससुर अब ज़िन्दा नहीं हैं, मुझे नहीं पता कि अब क्या करना है”
बुजुर्ग महिला किशोरी बाई ने भी 5 लाख रूपये की बचत जमा की थी, लेकिन विशाल अहिरवार ने उनके साथ भी फर्जीवाड़ा (Forgery)। इस पर किशोरी बाई ने कहा कि- “मेरी चार बेटियां हैं और उनकी शादी के लिये 5 लाख रुपये जमा किये थे, लेकिन पोस्टमास्टर ने पैसों का फर्जीवाड़ा किया। मुझे नहीं पता कि क्या करना है, अगर मुझे मेरे पैसे वापस नहीं मिले तो मेरी दो बेटियां जो शादी के योग्य हैं वो उम्र अविवाहित रहेगी”
एक और आदमी जिसकी माँ कुछ साल पहले सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुई, ने अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिये सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों में से 18 लाख रूपये जमा किए, लेकिन अब उसे डाकघर द्वारा बताया गया है कि उनके तीनों खातों की कोई डिटेल नहीं मिल रही है। खास बात ये भी ये सभी खाते और जमा राशि विशाल अहिरवार की देखरेख में थी। बीना जीआरपी प्रभारी ने बताया कि, “आरोपी सब-पोस्टमास्टर ने फर्जी एफडी खातों के लिये असली पासबुक जारी की और पिछले दो साल में उसने आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में पूरा पैसा लगा दिया।”