धर्म डेस्क (नई दिल्ली): महा शिवरात्रि (Maha Shivratri) 2022 को भारत के सबसे शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है। फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर इस उत्सव को मनाया जाता है। इस साल मार्च में महा शिवरात्रि होगी। चतुर्दशी तिथि कृष्ण पक्ष फाल्गुन भगवान शिव की सबसे शुभ रात्रि मानी जाती है।
शिव की सबसे बड़ी रात, जिसे शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव के देवी पार्वती से विवाह की याद में मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर, उपासक पूरे दिन उपवास करते हैं और आधी रात को पूजा करते हैं। वे महादेव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।
महा शिवरात्रि (Maha Shivratri) 2022 कब है?
महा शिवरात्रि उत्सव 1 मार्च, 2022 को होगा। शिव की बेहतरीन रात के लिए चतुर्दशी तिथि 1 मार्च को सुबह 3:16 बजे शुरू होगी और 2 मार्च को दोपहर 1:00 बजे समाप्त होगी।
महा शिवरात्रि 2022: शुभ मुहूर्त (Shubh Muhrut)
महा शिवरात्रि पर, शिव पूजा निश्तिता काल या आधी रात को की जाती है। चारों प्रहरों में, भक्त शिव पूजा करते हैं। पहला प्रहर शाम 6:21 बजे शुरू होगा और रात 9:27 बजे (1 मार्च) खत्म होगा। दूसरा प्रहर 1 मार्च को रात 9:27 बजे शुरू होगा और 2 मार्च को दोपहर 12:33 बजे समाप्त होगा। तीसरा प्रहार 2 मार्च को सुबह 12:33 बजे से शुरू होकर 3:39 बजे (2 मार्च) को समाप्त होगा। चौथा प्रहर सुबह 3:39 बजे शुरू होता है और 6:45 बजे (2 मार्च) को समाप्त होता है।
महा शिवरात्रि 2022: महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर शिवरात्रि की आधी रात को भगवान शिव देवी पार्वती के साथ फिर से मिलते हैं, और इसलिए इस दिन को पूरे देश में उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, महा शिवरात्रि भगवान शिव (Shiv) के उनके लिंग रूप में प्रारंभिक रूप का प्रतीक है।
कहा जाता है कि इसी दिन समुंद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने देवताओं और राक्षसों के बीच हुए युद्ध से निकले विष का सेवन किया था। विष (poison) का सेवन करते ही भगवान शिव की गर्दन नीली हो गई और तब से उन्हें नीलकंठ (Neelkanth) के नाम से जाना जाता है।