न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) का अंतिम संस्कार आज (22 सितंबर 2021) हो गया। गिरि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाघंबरी मठ में अपने कमरे में मृत पाये गये थे। एबीएपी अध्यक्ष का पोस्टमॉर्टम आज सुबह 8 बजे किया गया और अंतिम संस्कार बाघंबरी मठ के बगीचे में किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अगुवाई वाली यूपी सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच के लिये 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (Special Investigation Team-SIT) का गठन किया है। एसआईटी की अध्यक्षता सर्कल ऑफिसर अजीत सिंह चौहान करेंगे। साथ ही गिरि की कथित मौत के विभिन्न कोणों की जांच भी जायेगी जिसके तहत उनके द्वारा लिखे गये सुसाइड नोट के बाद घटना की परिस्थितियों की भी छानबीन की जायेगी।
सीएम आदित्यनाथ (CM Adityanath) ने बीते मंगलवार (21 सितंबर 2021) को कहा कि एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम गिरि की मौत के मामले की जांच करेगी।
एबीएपी प्रमुख को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने कहा, "घटना (अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु) के संबंध में कई सबूत इकट्ठा किये गये हैं। एडीजी जोन, डीआईजी प्रयागराज , आईजी रेंज समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम मामले की छानबीन कर रही हैं।"
इस मामले पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि राज्य सरकार सीबीआई जांच के लिये भी तैयार है। महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि, मामले में महंत गिरि के शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) को गिरफ्तार कर लिया गया है और एक अन्य शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की शिकायत के आधार पर आनंद गिरि और अन्य संदिग्धों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।
गिरि ने अपने 6 पन्नों के लंबे सुसाइड नोट (Suicide note) में कथित तौर पर कहा है कि वो शिष्य आनंद गिरि की हरकतों से बहुत परेशान हैं। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने दावा किया कि शिष्य आनंद गिरि उन्हें बदनाम करने के लिये हरिद्वार में एक वीडियो तैयार करवा रहा था। जिसमें कम्प्यूटर की मदद उन्हें किसी महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था (Objectionable State) में दिखाया जाने वाला था।
गिरि ने आगे लिखा कि- अगर शिष्य आनंद गिरि अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो जाता तो मैं किस किस को सफाई देता फिरता। मैं ज़िन्दगी भर आत्मसम्मान (Self Respect) से साथ जिया हूँ। जिस पद पर मैं आसीन हूँ, वो पद गारिमामय है। उसकी मर्यादा के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने देना चाहता। इसलिये मैनें पहले 13 सितंबर को अपनी जान लेने के बारे में सोचा था। महंत नरेंद्र गिरि ने हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर बदतमीजी करने और प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया।