न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के लिये नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। अब औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव होगा। बीते शुक्रवार (24 फरवरी 2023) देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर पर इस खबर को साझा किया।
बता दे कि औरंगाबाद (Aurangabad) का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था, उस्मानाबाद (Osmanabad) का नाम हैदराबाद शासक के नाम पर रखा गया था। छत्रपति संभाजी महाराष्ट्र का पर्याय है, वो महान योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य पर शासन किया। औरंगजेब के आदेश पर साल 1689 में उन्हें फाँसी दे दी गयी थी।
धाराशिव (Dharashiv), उस्मानाबाद के पास एक गुफा परिसर का नाम कुछ विद्वानों के मुताबिक ये 8वीं शताब्दी का है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) से महाराष्ट्र सरकार को मिले दो खत भी साझा किये। खतों को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव को संबोधित किया गया था। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के जिलों के नाम बदलने में कोई दिक्कत नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Eknath Shinde) को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों के विद्रोह के कारण दो शहरों के बाकी रहने से पहले उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार की ओर से लिया गया आखिरी फैसला था।
इस बीच औरंगाबाद के सांसद और एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील (AIMIM leader Imtiyaz Jaleel) ने शहर के लिये लड़ाई लड़ने का इरादा जताया। उन्होनें ट्विट कर लिखा कि- “औरंगाबाद हमारा शहर था, और हमेशा रहेगा। अब औरंगाबाद के लिये हमारे शक्ति प्रदर्शन का इंतज़ार करें। हमारे प्यारे शहर के लिये एक विशाल मोर्चा लामबंद होगा! हमारे शहर के नाम पर राजनीति करने वाली इन ताकतों (भाजपा) को हराने के लिये औरंगाबादियों को तैयार करें। हम निंदा करेंगे और हम लड़ेंगे,”