न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): मुंबई में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच पुख़्ता संभावना है कि महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) मुंबई लोकल ट्रेनों के संचालन पर नये सिरे सख़्त प्रतिबंध लगा सकती है। महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार के मुताबिक स्थानीय ट्रेनों को रोका जाना चाहिए या सख्त प्रतिबंध लगाये जाने चाहिये। राज्य सरकार इस मुद्दे पर काफी गंभीरता से विचार कर रही है। गौरतलब है कि मुंबई में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के बावजूद लोकल ट्रेनें अभी भी अपनी पूरी क्षमता से चल रही हैं।
कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए मुंबई में मिनी-लॉकडाउन जैसे हालात बने हुए है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं। मॉल, जिम, स्विमिंग पूल्स, होटल, बार और धार्मिक स्थल भी बंद हैं। यहां तक कि निजी कार्यालयों को भी अपनी कार्यशैली बदलकर एक फिर से होम मोड से काम करने के लिये वर्क फ्रॉम होम (Work from home) की सलाह दी गयी है।
मुम्बई के लोकल ट्रेनों के लिये जारी नये दिशानिर्देशों के मुताबिक अब लोकल ट्रेनों के 12 डिब्बों में सिर्फ 1200 यात्री सफर कर सकेगें। किसी भी यात्री को खड़े होकर सफर करने की इज़ाजत नहीं होगी लेकिन सुबह के कामकाजी घंटों के दौरान ट्रेनों में अक्सर यात्री तयशुदा क्षमता (Default capacity) से कहीं ज्यादा सफर करते है। सभी डिब्बे ज्यादातर काफी भरे रहते है। इस दौरान लोग जमकर सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का उल्लंघन करते है।
इस बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार (7 अप्रैल 2021) को एक आदेश जारी कर राज्य में लगाये गये कोरोनो वायरस गाइडलाइंस के लिये कहा कि सात दिनों 24 घंटे ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स के जरिये फूड और जरूरी चीज़ों की सप्लाई को बहाल रखा जायेगा। जिसके लिए आधिकारिक मंजूरी जारी कर दी गयी है। प्रमुख फूड-डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स ज़ोमैटो और स्विगी ने कहा कि, वो रात 8 बजे के बाद फूड-डिलीवरी सर्विस मुहैया करवाना बंद कर देगें। जिसके पीछे महाराष्ट्र सरकार द्वारा रात कर्फ्यू लगाये जाने को अहम वज़ह माना जा रहा है।