न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Maharashtra Crisis: एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना के बागी विधायकों ने आज (25 जून 2022) अपने खेमे का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ रखा। पूर्व गृह राज्य मंत्री और बागी विधायक दीपक केसरकर (MLA Deepak Kesarkar) ने मीडिया को बताया कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई वाले विधायकों ने एक नया गुट ‘शिवसेना बालासाहेब’ बनाया है। ये फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) शिवसेना की कार्यकारिणी की बैठक कर रहे थे। शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी (MVA- Maha Vikas Aghadi) सरकार जुझारू मोड में है और उसके 38 बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
शिवसैनिकों द्वारा बागी विधायकों के कार्यालयों में कथित रूप से तोड़फोड़ करने की खबरें आती रही हैं। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आज पुणे में पार्टी के बागी विधायक तानाजी सावंत (MLA Tanaji Sawant) के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। सावंत एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना के बागी विधायकों में से एक हैं और फिलहाल में गुवाहाटी असम (Guwahati Assam) में डेरा डाले हुए हैं।
मामले पर शिवसेना पुणे (Pune) के नेता संजय मोरे (Sanjay More) ने कहा कि, “हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की। हमारे प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उनके कार्यालय पर भी हमला किया जायेगा। किसी को बख्शा नहीं जायेगा।” इसके बाद से ही पुणे पुलिस (Pune Police) ने अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस थानों को शहर में बागी हुए शिवसेना विधायकों से जुड़े कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने भी हाई अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस थानों को शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ये भी निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे।
इस बीच शिवसेना के बागी नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को गुवाहाटी के एक होटल में उनके साथ डेरा डाले हुए 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस लेने को लेकर खत लिखा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल (Dilip Walse Patil) को लिखे अपने खत में शिंदे ने दावा किया कि विधायकों को उनके घर पर और साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को प्रोटोकॉल के मुताबिक दी गयी सुरक्षा को गलत अधिनियम का इस्तेमाल करते हुए बदला लेने के लिये अवैध रूप से वापस ले लिया गया है।
हालांकि गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने शिंदे के सुरक्षा वापस लेने के दावे का खंडन किया। उन्होनें कहा कि- न तो मुख्यमंत्री ने और न ही गृह विभाग ने किसी विधायक की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया है। ट्विटर के जरिये लगाये जा रहे इल्ज़ाम झूठे और पूरी तरह से बेबुनियागी हैं। किसी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली गयी है।
बता दे कि शिंदे पार्टी के 38 विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ 22 जून से गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले हुए हैं। गौरतलब है कि सीएम उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी है। बैठक शिवसेना भवन में होगी जिसमें मुख्यमंत्री वर्चुअल तौर पर शामिल होंगे। इसके अलावा शिंदे ने भी आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिये शनिवार दोपहर गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में एक बैठक भी बुलाई है। एकनाथ शिंदे गुट ने इससे पहले शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर नरहरि झीरवाल (Deputy Speaker Narhari Jhirwal) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जब उद्धव ठाकरे गुट ने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिये डिप्टी स्पीकर के सामने याचिका पेश की थी। दूसरी ओर ठाकरे ने जिला प्रमुखों की एक बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में डेरा डाले हुए बागी विधायक “पार्टी को तोड़ना” चाहते हैं।