न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): महाराष्ट्र पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक संकट (Maharashtra Crisis) से जूझ रहा है, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने बीते बुधवार (22 जून 2022) को फेसबुक लाइव सत्र के दौरान अपनी पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों को एक दिलचस्प पेशकश की। जनता को संबोधित करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो मुख्यमंत्री पद से हटने को तैयार हैं लेकिन वो चाहते हैं कि नया मुख्यमंत्री शिवसैनिक से हो। इसे बागी विधायक एकनाथ शिंदे के प्रस्ताव के रूप में माना जा रहा है, जहां ठाकरे वापस आने पर अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर रहे हैं।
इस ऑफर के जरिये माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे बीजेपी से हाथ नहीं मिलाने का फैसला करने पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को महाराष्ट्र का नया सीएम बनाने की पेशकश कर रहे हैं। आपने उद्धव ठाकरे की पेशकश सुनी, लेकिन अब हम आपको एकनाथ शिंदे के हाल के बारे में बताते हैं। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को ये कहकर फंसाया है कि सभी बागी विधायक वापस आने के लिये तैयार हैं, बशर्ते शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी (Congress and NCP) से नाता तोड़ ले।
हाल के घटनाक्रम के मुताबिक उद्धव ठाकरे के पास अब 55 में से 16 विधायक रह गये हैं जबकि एकनाथ शिंदे को बाकी का समर्थन हासिल है। अब शिंदे कह रहे हैं कि वो शिवसेना के असली नेता हैं और ठाकरे परिवार को गद्दी से उतारकर पार्टी की कमान संभालना चाहते हैं।
छल, ईर्ष्या, कॉमेडी और त्रासदी जैसे नाटकों के साथ महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। इस संकट में असली खेल अब उद्धव ठाकरे को न सिर्फ अपनी सरकार का बचाव करना है, बल्कि सत्ताधारी दल शिवसेना को भी बचाना है।
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को विधायक दल के नेता के पद से हटाने और अजय चौधरी (Ajay Chaudhary) को शिवसेना विधायकों का नेता घोषित करने के बाद उद्धव ठाकरे के फैसले को सीधे चुनौती दी।
लेकिन एकनाथ शिंदे ने अब महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें शिवसेना के दो-तिहाई विधायकों का समर्थन हासिल है। अब बागी विधायक शिंदे को शिवसेना का नया नेता बनाने के लिये उनका साथ दे रहे हैं और लगातार पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं।
शिवसेना के बागी विधायकों ने एक प्रस्ताव भी पारित किया है, जिसमें दो अहम बातों पर चर्चा हुई। पहला महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में काफी भ्रष्टाचार है और इसके दो पूर्व मंत्री इस समय जेल में हैं। ये नेता हैं अनिल देशमुख और नवाब मलिक (Anil Deshmukh and Nawab Malik)। उन्होंने कहा कि शिवसेना के बागी विधायक भ्रष्टाचार वाली सरकार का हिस्सा बने नहीं रह सकते।
संकल्प में उठाया गया दूसरा मुद्दा ये है कि शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ एक वैचारिक समझौता किया है, जो सही नहीं है। इसमें ये भी जिक्र किया गया कि इस समझौते के कारण शिवसेना ने हिंदुत्व (Hindutva) को पीछे छोड़ दिया है।
इस कहानी में एक और अपडेट ये हुआ है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ लंबी बैठक की, जिसमें शिवसेना में अंदरूनी कलह को लेकर चर्चा हुई। इस सियासी संकट के बीच आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर बायो से अपने कैबिनेट मंत्रालय की जानकारी भी हटा दी।
अपने लाइव संबोधन के कुछ ही घंटों बाद उद्धव ठाकरे ने अपना बैग पैक किया और मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें आवंटित आधिकारिक आवास से वो बाहर निकल गये। ठाकरे और उनका परिवार 22 जून को अपने आधिकारिक आवास वर्षा को खाली करने के बाद अपने परिवार के घर मातोश्री के लिये रवाना हुए।
उद्धव ठाकरे द्वारा बागी विधायकों को उठाये गये दिलचस्प प्रस्ताव के बाद एकनाथ शिंदे के अगले कदम की काफी उम्मीद है। शिंदे ने अभी तक बीजेपी (BJP) से हाथ नहीं मिलाया है, लेकिन महाराष्ट्र में सियासी संकट अभी गहराना बाकी है।