न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) पर हर महीने 100 करोड़ रूपए उगाही करवाने को लेकर आरोप लगाने वाली चिट्ठी अब उद्वव सरकार समेत महाविकास आघाडी के लिए बड़ी परेशानी का सबब़ बन चुकी है। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास जिलेटिन रॉड से भरी स्कॉर्पियों कार मामले और उसमें सचिन बाजे की कथित भूमिका के बाद महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के खत ने सियासी गलियारे में बड़ी उथल-पुथल मचा दी है। खत में परमवीर सिंह ने दावा किया कि गृहमंत्री, सचिन वझे पर हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने का दबाव बनाते थे।
खत सामने आने के बाद भाजपा के निशाने पर उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस पार्टी है। हालांकि फिलहाल अभी तक इस मुद्दे को लेकर एनसीपी, शिव सेना और कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। इसी बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने आज तड़के सुबह एक ट्विट किया। जिसके कई बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने जावेद अख्तर काश एक शेर ट्विटर पर साझा किया जिसमें लिखा था कि, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की (Search for new paths) है, हम मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो संजय राउत इशारों ही इशारों में काफी गहरी बात कह गये हैं। शेरो-शायरियों के जरिये मौजूदा सियासी घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देना उनकी आदत में शुमार है। ऐसे में माना जा रहा है कि चौतरफा घिरती महाराष्ट्र सरकार अब महाविकास आघाडी का मंच छोड़कर एक बार फिर से एनडीए का दामन थाम सकती है, ताकि उद्धव सरकार का वजूद कायम रहे। गौरतलब है कि कथित चिट्ठी में दावा किया गया कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को मुंबई के सभी बार, पबों और रेस्त्रां से उगाही (Collection) करने के फरमान जारी किये थे।
घटनाक्रम सामने आने के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्विट कर अपनी सफाई पेश की। उन्होनें कहा कि- पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए मुझ पर झूठे इल्ज़ाम लगाये हैं। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से विस्फोटकों से भरी कार की बरामदगी और मनसुख हिरेन के मामले में सचिन वझे का हाथ होने के बात सामने आ रही है। ये बात मौजूदा जांच से साफ हो चुकी है। साथ ही इन दोनों मामलों के तार सीधे तौर पर परमबीर सिंह से जुड़ रहे है।