न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): महाराष्ट्र और कर्नाटक (Maharashtra and Karnataka) के राजनेताओं के बीच ज़ुबानी जंग गुरूवार (24 नवंबर 2022) को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की ओर से बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) पर निजी हमले शुरू करने के बाद बढ़ गयी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के 40 गांवों का दावा करने वाले सीमा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बयान उस राजनेता की ओर से दिया गया लगता है जिसके सिर पर भूत सवार हो। उन्होनें कहा कि- “ऐसा लगता है जैसे कर्नाटक के सीएम बोम्मई महाराष्ट्र के 40 गांवों पर अचानक दावा करने के लिये पागल हो गये हैं?”
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने संकल्प लिया कि सरकार कर्नाटक को महाराष्ट्र की एक इंच जमीन भी नहीं देगी। विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) को उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया। उन्होंने बयान को भड़काऊ बताते हुए केंद्र से दखल देने की मांग की।
बोम्मई ने पहले फडणवीस को निशाने पर लिया और उनके बयान को महाराष्ट्र के बचाव में भड़काऊ बताया। इसी मुद्दे पर बोम्मई ने बुधवार (23 नवंबर 2022) शाम ट्वीट कर लिखा कि, “महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर भड़काऊ बयान दिया है और उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा। हमारी सरकार जमीन, पानी और सीमाओं की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है।”
बता दे कि फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र का कोई भी गांव कर्नाटक नहीं दिया जायेगा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, “महाराष्ट्र का कोई भी गांव कर्नाटक को नहीं दिया जायेगा! राज्य सरकार बेलगाम-कारवार-निपानी समेत मराठी भाषी गांवों को पाने के लिये उच्चतम न्यायालय में मजबूती से लड़ेगी।”
पवार ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सांगली (Sangli) में जाट तालुका के गांवों पर दावा किया था और अब वो अक्कलकोट और सोलापुर (Akkalkot and Solapur) पर भी दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में अदालत में मामला लंबित है और ये महंगाई और बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिये किया जा रहा है।
बता दे कि ये विवाद तब शुरू हुआ जब बोम्मई ने दावा किया कि महाराष्ट्र के सांगली के कुछ गांवों ने एक प्रस्ताव पारित कर कर्नाटक में विलय की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये बढ़ते जल संकट के कारण है जिसे राज्य हल नहीं कर सकता है।
इस बीच ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) को केंद्र की ओर से भेजा गया अमेजॉन पार्सल कहा। कोश्यारी ने हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के बारे में बयान देते हुए कहा कि- बतौर आदर्श छत्रपति शिवाजी पुराने हो गये है। कोश्यारी ने शिवाजी महाराज को पुराने दिनों का प्रतीक बताया था। उन्होंने आगे कहा कि अगर वो अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो वो राज्यपाल के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे।