न्यूज़ डेस्क (महाराष्ट्र): सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह की याचिका को खारिज करने और महाराष्ट्र (Maharashtra) के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के कथित भ्रष्ट दुर्व्यवहारों में सीबीआई जांच की मांग को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने रम बीर सिंह का प्रतिनिधित्व करने वाले मुकुल रोहतगी को मामले में मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा।
रोहतगी ने अदालत से कहा, “यह पूरे देश के लिए गंभीर सार्वजनिक हित का मामला है। एक पुलिस अधिकारी प्रशासनिक आधार का हवाला देते हुए स्थानांतरित हो जाता है लेकिन गृह मंत्री ने खुद कहा कि यह प्रशासनिक स्थानांतरण नहीं है।”
उन्होंने शीर्ष अदालत से बॉम्बे हाईकोर्ट को यह निर्देश देने की भी अपील की कि इस मामले में कल ही सुनवाई करे क्योंकि सुनवाई में देरी होने पर सीसीटीवी वीडियो और अन्य सबूतों में बाधा आ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि बड़े पैमाने पर प्रशासन को गंभीर रूप से प्रभावित किया जा रहा है। इसे देखते हुए उच्च न्यायालय से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी जाती है।”
सिंह ने अपनी याचिका में देशमुख पर पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफर में भ्रष्ट आचरण अपनाने और सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या में भाजपा नेताओं को फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि देशमुख के कृत्यों और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए की निष्पक्ष सीबीआई जांच की भी मांग की है।
उन्होंने देशमुख पर विभिन्न प्रतिष्ठानों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये कीउगाही करने और पुलिस में पोस्टिंग या तबादलों में भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप लगाया।