Mahashivratri 2023: शिवलिंग पर किसी पदार्थ का अर्पण अभिषेक कहलाता है। अभिषेक कई पदार्थों से किया जाता है जैसे दुग्ध से,जल से,गन्ने के रस से, दही -घी से, भष्म से, गंगा जल से। इनमें दुग्धाभिषेक का अत्यधिक महत्व है। आमतौर पर भगवान शंकर (Lord Shankar) की उपासना स्वास्थ्य, संपत्ति, रोग-नाश, पुष्टि, आयु, भोग और मृत्यु की हानि के लिये की जाती है। महादेव (Mahadev) को खुश करने के बहुत से उपाय शास्त्रों में बताये गये हैं, मगर भगवान शिव के शिवलिंग स्वरूप पर दूध चढ़ाने की महिमा का विशेष महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में दूध को चंद्र ग्रह से संबंधित माना गया है क्योंकि दोनों की प्रकृति शीतलता प्रदान करने वाली होती है। चंद्र ग्रह से संबंधित समस्त दोषों का निवारण करने के लिये सोमवार को महादेव पर दूध अर्पित करने का विधान है।
वैसे तो प्रतिदिन शिवलिंग (Shivling) पर कच्चा दूध और जल अर्पित करना चाहिये। अगर रोजाना न कर सकें तो सोमवार को जरूर करें मगर ध्यान रहे गाय का कच्चा दूध ही अर्पित करें। गाय को माता माना गया है, अत: गौमाता का दूध पवित्र और पूजनीय है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनायें पूर्ण करते हैं। ताजा दूध ही प्रयोग में लायें, डिब्बा बंद या पैकेट का दूध अर्पित न करें। जो भक्त भगवान शंकर को खुश करने के लिये उन पर दूध की धार चढ़ाते हैं, उनके सभी पापों का अंत हो जाता है।
जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रात: स्नान करके भगवान शंकर के शिवलिंग पर दूध चढ़ा कर 108 बार ऊँ नम: शिवाय’ मंत्र की पूजा से युक्त दंडवत नमस्कार करना चाहिये।
तारे-सितारे हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। ग्रह दोष से पीड़ित जातकों को नौकरी पाने में या तरक्की में दिक्कत हो तो उन्हें इन उपायों को तुरंत आजमाना चाहिये। भगवान शिव की आराधना के साथ अलग-अलग राशि के जातक अपने राशि स्वामी के ग्रहों के अनुसार अभिषेक करें तो खासा लाभ मिलता है।
- सूर्य (सिंह): शिवलिंग पर रूद्रपाठ (Rudrapath) करते हुए शहद से अभिषेक करें।
- चंद्र (कर्क): शिवलिंग पर गंगाजल या दूध से अभिषेक करें।
- मंगल (मेष, वृश्चिक): शिवलिंग पर दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें।
- बुध (मिथुन, कन्या): शिवलिंग पर रूद्रपाठ करते हुए गंगाजल (Gangajal) से अभिषेक करें।
- गुरु (धनु, मीन): शिवलिंग पर दूध में केसर (Saffron) घोल कर अभिषेक करें।
- शुक्र (वृष, तुला): शिवलिंग पर दही में शक्कर घोलकर या पंचामृत (Panchamrit) से अभिषेक करें।
- शनि (मकर, कुम्भ): शिवलिंग पर रूद्रपाठ करते हुए गंगा जल, दूध या दही से अभिषेक करें और साथ में काले तिल जरूर अर्पित करें।
- राहू-केतु: शिवलिंग पर भांग मिश्रित दूध से अभिषेक करें और धतूरा अवश्य अर्पित करें।