ऑटोमोबाइल डेस्क (राम अजोर): मार्केट में TATA Motors का सेल्स ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। मीडियम रेंज सेगमेंट में कंपनी की परफॉर्मेंस काफी मजबूत दिख रही रही है। ऐसे में हालात मारूति सुजुकी और ह्युडंई (Maruti Suzuki and Hyundai) के लिये काफी चैलेजिंग बनते दिख रहे है। टाटा मोटर्स की कॉम्पैक्ट हैचबैक क्लास में अल्ट्रोज़ और कॉम्पैक्ट मिनी एसयूवी (Compact Mini SUV) पंच ने कंपनी के मार्केट स्टेक की अच्छी खासी माइलेज दी है। कारों के प्रोडक्शन लाइन से लेकर ऑन रॉड आने तक टाटा मोटर्स शानदार स्ट्रैटजी अपना रही है। इस बीच ऑफ्टर सेल्स अल्ट्रोज़ और पंच में एक बड़ी भारी दिक्कत देखने को मिल रही है, जो कि टाटा मोटर्स की क्रेडिबिलिटी को बड़ा खतरा है।
अल्ट्रोज़ और पंच में है ये बड़ी खामियां
ऑन ड्राइव मोड में आने के बाद अंदर से जब दोनों कारों को अंदर से सेंट्रल लॉक किया जाता है तो कायदे से सभी डोर लॉक हो जाने चाहिये लेकिन इन दोनों कारों में अगर लॉक लीवर को खींचा जाये तो डोर तुरन्त खुल जाते है। ऐसे में ड्राइविंग के दौरान अगर कोई बच्चा गलती को लॉक लीवर खींच दे तो तुरन्त दरवाज़ा खुल जाता है, यानि की एक्सीडेंट होने का जोखिम। बच्चों के अलावा कोई बड़ा भी गफलत में चलती हुई गाड़ी में डोर खोल सकता है।
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इसके अलावा अल्ट्रोज़ में स्पीड सेंसिंग ऑटो डोर लॉक की फैसिलिटी है। इस मैकेनिज़्म की मदद जब एक तयशुदा स्पीड से ज्यादा बढ़ने लगती है तो सभी दरवाजों को ऑटोमैटिक लॉक हो जाते है। ऐसा तब भी होता है, जब ड्राइवर गाड़ी चलाने से पहले सभी दरवाजों को सेंट्रली लॉक करना भूल गया हो।
इसके अलावा कार में इम्पैक्ट सेंसिंग डोर अनलॉक का भी मैकेनिज़्म है। ये सिस्टम को कार ऐक्सीडेंट की भनक मिलते ही ऑटोमैटिक सभी डोर लॉक कर देता है ताकि सभी लोग कार से तुरंत बाहर निकल सके और बचाव करने वाले लोग बाहर से भी दरवाजे खोल सके।
दोनों गाड़ियों में दूसरी सबसे बड़ी खूबी है डोर खुलने का एंगल। पंच और अल्ट्रोज़ को डोर ओपनिंग एंगल 90 डिग्री के आस पास है, यानि कि अगर आप मोटे है या हाथों में काफी सामान लिये हुए आसानी से गाड़ी में बैठ सकते है। एक बार खुलेने पर ये ज्यादा जगह कवर करेगा, साथ ही स्टेयरिंग पर बैठने के बाद दरवाज़ा बंद करना थोड़ा बहुत अन्कम्फर्टेबल हो सकता है।
कार रेटिंग पर भी उठे सवाल
कार सुरक्षा को लेकर रेटिंग देने वाली संस्था ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (Global NCAP) के कामकाज को लेकर भी बड़े सवाल उठने लाज़िमी है। इस संस्था ने अल्ट्रोज़ को अविश्वसनीय तौर पर 16.13 प्वाइंट्स के साथ 5 स्टार रेटिंग दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि कार के डोर लॉक मैकेनिज़्म में भारी खामी होने के बावजूद कार को किस तरह और किस आधार पर ये रेटिंग दी गयी। बता दे कि टाटा पंच की Global NCAP सेफ्टी रेटिंग 16.45 प्वाइंट्स के साथ 5 स्टार है।
अब समझे आंकड़ो की भाषा में
अब तक पंच और अल्ट्रोज़ की अंदाज़न 4 लाख से ज्यादा यूनिट ऑन रोड आ चुकी है, जिनमें डोर मैकेनिज़्म से जुड़ी दिक्कत है। इन चार लाख कारों में औसतन कम से कम 2 लोग भी बैठे तो ऐसे में 8 लाख लोगों की जान को अंदाज़न खतरा है। ठीक इसी तरह अगर डोर खुलने के चलते अगर पंच और अल्ट्रोज़ हरेक यूनिट औसतन कम से कम 2 गाड़ियों को टक्कर मारती है तो ऐसे में कुल मिलाकर अंदाज़न 12 लाख गाड़ियों पर ऐक्सीडेंट होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर इन सभी गाड़ियों में औसतन 2 लोग भी सवार होते है तो मान लीजिये कि 24 लाख लोगों की ज़िन्दगी को टाटा मोटर्स ने खतरे में डाल दिया है।
बता दे कि इस गंभीर और संजीदा मसले को लेकर जब ट्रेंडी न्यूज़ नेटवर्क (Trendy News Network) के संस्थापक संपादक ने गुरूग्राम, नज़फगढ़ रोड मोतीनगर और पटपड़ंगज (Motinagar and Patpadangaj) के कई टाटा मोटर्स के फ्लैगशिप डीलरों से बात करनी चाही तो कई मिलीजुली प्रतिक्रियायें सामने आयी। कुछ ने कहा कि कई लोगों ने डोर सिस्टम को लेकर शिकायत की है। हमने ये बात ऊपर पहुँचा दी है। इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते है। अगर टाटा मोटर्स ने इस खामी को लेकर रिकॉल का फैसला किया तो हम आगे की कार्रवाई कर उसमें सुधार कर सकते है। मौजूदा सूरत में टाटा मोटर्स ने इस परेशानी को लेकर कुछ नहीं कर रही है।