न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): ग्रामीण भारत के कई हिस्से कोविड-19 टीकाकरण टारगेट (Vaccination Target) को हासिल करने में नाकाम रहे हैं क्योंकि लोग इसे लेने से हिचकिचा रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो (Video) ने आम जनता के बीच वैक्सीन की हिचकिचाहट के बारे में उपजी चिंताओं को उजागर किया है। वीडियो में एक अधेड़ शख़्स स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों से बचने के लिये पेड़ पर चढ़ा हुआ देखा गया।
ये वीडियो पुडुचेरी के विलानूर (Puducherry’s Vilanur) का बताया जा रहा है, जहां स्वास्थ्यकर्मी आम लोगों के कोविड -19 टीकाकरण की खुराक देने आये थे। स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (Health Care Workers) ने उसे बार-बार नीचे आने और खुराक लेने की गुज़ारिश की इसके बावजूद वो आदमी एक पेड़ के ऊपर बैठ रहा। उस आदमी ने स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) के सभी अनुरोधों की अनदेखी करते हुए कहा, “मैं टीका नहीं लूंगा। तुम मुझे नहीं पकड़ सकते”
प्राथमिक स्वास्थ्य कर्मियों को अपना काम करने में सहयोग देने के बजाय, वो आदमी ऊपर चढ़ने और उसे चुनौती देने लगा। साथ ही उसने मज़मा लगाते हुए नाटक भी किया, जिसके चलते उसने पेड़ की छोटी छोटी टहनियों को काटना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों के बाद भी वो आदमी नीचे नहीं आया और उसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों उसे बिना टीका लगाये मौके से लौट गये।
पुडुचेरी सरकार भले ही 100 फीसदी टीकाकरण के आंकड़े को छूने की कोशिश कर रही है, लेकिन लोगों में वैक्सीन की हिचकिचाहट चिंता का बड़ा सब़ब बनी हुई है। पिछले टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) में छूटे सभी लोगों का टीकाकरण करने के लिये स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब लोगों को घर- घर जाकर टीका लगा रहे है।
इससे पहले पुडुचेरी के मेट्टुपालयम (Mettupalayam in Puducherry) की एक महिला सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी क्योंकि उसने देवी मरियम्मन के पास होने की वज़ह से टीकाकरण कराने से परहेज किया था। जब स्वास्थ्य कर्मी उसे टीका लगाने के लिये वहाँ गया तो उसने वैक्सीनेशन प्रोसेस को पूरे नाटक में बदल दिया और टीका लगवाने से साफ बच गयी।
हालांकि इन वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन टीके लगाने में हिचकिचाहट के कई मामले आज भी दर्ज नहीं किये गये हैं। इस तरह के मामले इस बात पर जोर देते हैं कि सरकार को लोगों को लुभाने के लिये कई दूसरे उपाय करने होंगे। टीकाकरण की अहमियत के बारे में जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। अगर कोरोना संक्रमण हो भी गया हो तो इससे जान को खतरा नहीं होगा।