न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Manipur Ethnic Clash: मणिपुर में दो महिलाओं को नंगा घुमाने के दो महीने पुराने वीडियो ने राज्य में तनाव काफी बढ़ा दिया है और इसे लेकर पूरा देश सदमे में है। 4 मई का वीडियो बीते बुधवार (19 जुलाई 2023) को ऑनलाइन सामने आया, जिसमें दो नंगी महिलाओं को आदमियों के एक गुट घूमने के लिये ज़बरन मजबूर कर रहा है, वीडियो में देखा गया कि महिलाओं को एक खेत में किसी जगह पर ले जाया जा रहा है।
खास बात ये है कि कथित वीडियो महिलाओं की दुर्दशा को उजागर करने के लिये आज (20 जुलाई 2023) इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF- Indigenous Tribal Leaders Forum) की ओर निकाले जाने वाले विरोध मार्च की पूर्व संध्या पर सोशल मीडिया पर सामने आया। वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिपुर पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले (Thoubal District) के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन (Nongpok Sekmai Police Station) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के बयान में कहा गया है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिये हरमुमकिन कोशिश जारी है।
मामले को लेकर आईटीएलएफ ने कहा कि-”कांगपोकपी जिले (Kangpokpi District) में 4 मई को हुई इस वहशियाना वारदात के तस्वीरें इंसानियत को शर्मसार करती है। जहां आदमियों को एक गुट लगातार निर्दोष पीड़ित महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हुए दिखायी दिया, वीडियो में महिलायें रोती दिखी और अपने बंधकों से छोड़नी की लगातार गुहार लगाती दिखी। इन निर्दोष महिलाओं ने जो भंयकर पीड़ा झेली वो मानवीय क्षमताओं से परे है। इस वारदात के दोषियों के हौंसले इतने बुलंद है कि उन्होनें इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने का दुस्साहस दिखाया। वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने से पीड़ितों की पहचान उजागर हो चुकी है।”
विपक्ष ने भाजपा शासित मणिपुर सरकार के साथ-साथ केंद्र पर भी निशाना साधा। कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) के इस्तीफे की मांग करते हुए सत्तारूढ़ सरकार पर हमला बोला। इसी मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Chief Minister N. Biren Singh) ने अपनी ट्विटर पोस्ट में लिखा कि- “शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में जारी इंटरनेट बैन की वज़ह से इतनी शर्मनाक घटना घटी है। लेकिन ये बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्मृति ईरानी) ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करने या बयान जारी करने के लिये 76 दिनों तक इंतजार किया।”
उन्होनें अपने ट्विट में लिखा कहा कि- “क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधान मंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार सब कुछ ठीक है की तरह व्यवहार करना कब बंद करेगी? आज से (संसद का) मानसून सत्र शुरू हो रहा है, देश इसका जवाब मांगेगा। अपनी चुप्पी तोड़ें प्रधानमंत्री मंत्री जी!”
बता दे कि पहाड़ी राज्य मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसके एक दिन पहले कथित तौर पर चौंकाने वाले वीडियो में रिकॉर्ड की गयी ये वारदात सामने आयी थी। इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ियों पर रहने वाले कुकियों के बीच टकराव होता रहा है। इस टकराव में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।